Hathras Incident: भोले बाबा का आलिशान चांदी का सिंहासन पुलिस ने किया जब्त

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Hathras Incident: भोले बाबा का आलिशान चांदी का सिंहासन पुलिस ने किया जब्त

जिस चांदी की कुर्सी पर भोले बाबा बैठकर अपने अनुयाइयों को प्रवचन देता था। उस कुर्सी को पुलिस ने जब्त कर लिया है।

जहां भी सत्संग का कार्यक्रम होता था,वहां बदायूं से कुर्सी को भेजा जाता था। आलम यह था कि बाबा की चमत्कारी कुर्सी पर किसी को नहीं बैठने दिया जाता था। इस बात का गौर हमेशा सत्संग में मौजूद मुख्य सेवादार रखते थे। मंगलवार को सत्संग में हुई भगदड़ के बाद भोले बाबा के तमाम बाते उजागर हो रही है। हादसे में 121 लोगों की मौत उस दर्दनाक हादसे में हो गई। हादसे के बाद पुलिस के आला अधिकारी हरकत में आ गए। तो वहीं हादसे के बाद मौके से मुख्य आयोजक सहित अन्य सेवादार गायब हो गए। पुलिस ने सत्संग में मौजूद सामान को कब्जे में ले लिया।

भोले बाबा चांदी के सिंहासन पर बैठकर लोगों को प्रवचन देते थे। उनके लिए चांदी के सिंहासन की व्यवस्था जनपद बदायूं के एक टेंट हाउस से होती थी। टेंट कर्मचारी राम सेवक ने बताया कि बाबा की कुर्सी चांदी से बनी हुई है। जहां जहां कार्यक्रम होता था वहा वहा इसी कुर्सी को भेजा जाता था । बाबा के अलावा कोई नहीं बैठ सकता। इस कुर्सी पर बाबा इस कुर्सी पर बैठ कर सत्य वचन सुनाते है। ये कुर्सी पवित्र सिंघासन है। पुलिस ने हादसे के बाद सत्संग स्थल से कुर्सी के अलावा तमाम सामान को जब्त कर लिया है।

न्यायिक आयोग ने दर्ज किए 34 लोगों के बयान

हाथरस हादसे को लेकर न्यायिक जांच आयोग ने दूसरे दिन रविवार को पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में आम लोगों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया। इस दौरान 34 लोगों ने अपने बयान दर्ज कराए। मुख्यमंत्री के निर्देश के हादसे की जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। शनिवार को आयोग की टीम ने हाथरस में आकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। आयोग ने रविवार को आम लोगों को बयानों के लिए आमंत्रित किया था। रिटायर्ड न्यायमूर्ति ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव अपनी दो सदस्यीय टीम के साथ सुबह नौ बजे लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस पहुंच गए।

साढ़े नौ बजे से बयान देने के लिए आने वाले लोगों को बारी बारी से अंदर बुलाना शुरू कर दिया। गेट पर ही एक महिला कर्मचारी को तैनात किया गया, जहां बयान देने के लिए आने वाले लोगों के नाम पते और मोबाइल नंबर अंकित किए जा रहे थे। जो भी अपने बयान देने के लिए अंदर जा रहा था उन सभी के मोबाइलों को बाहर ही जमा करा लिया गया। दोपहर करीब 1:15 बजे तक टीम ने 34 लोगों के बयान दर्ज किए। कुछ लोग ऐसे रह गए जो देरी से पहुंचे तो उनके बयान नहीं हो सके, लेकिन जो भी वहां बयान देने के लिए पहुंचा उन्होंने सूरजपाल उर्फ भोले बाबा और उनके सेवादारों को इन मौतों का जिम्मेदार ठहराया।

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