Railways Minister On Loco Pilots: राहुल गांधी के आरोपों पर रेल मंत्री ने बताया क्या-क्या मिलती हैं सुविधाएं?
कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में रेलवे का मुद्दा उठाते हुए लोको पायलट से मुलाकात करते हुए उनके परेशानी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा था।
जिस पर अब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राहुल गांधी के आरोपों को निराधार बताते हुए उनको मिलने वाली सुविधाएं गिनाई हैं।
राहुल गांधी ने 7 जुलाई को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लोको पायलटों से मुलाकात की थी। इसी के साथ एक वीडियो साझा करते हुए मोदी सरकार को घेरते हुए कहा था कि,” नरेंद्र मोदी की सरकार में लोको पायलट्स के जीवन की रेल पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। गर्मी से खौलते केबिन में बैठ कर लोको पायलट्स 16-16 घंटे काम करने को मजबूर हैं। जिनके भरोसे करोड़ों जिंदगियां चलती हैं, उनकी अपनी जिन्दगी का कोई भरोसा नहीं रह गया है।”
रेल मंत्री ने बताया-विपक्ष का दुष्प्रचार
अब केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोको पायलटों की स्थिति को लेकर राहुल गांधी के दावों का खंडन करते हुए उनको मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बताया है। इसी के साथ रेल मंत्री ने कहा कि लोको पायलट रेलवे परिवार का अहम सदस्य हैं, लेकिन इन्हें लेकर विपक्ष द्वारा दुष्प्रचार किया जा रहा है।
लोको पायलटों को लेकर कांग्रेस के हमले का जवाब देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष पर फर्जी खबरों के जरिए रेलवे परिवार का मनोबल गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। मंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट डाली, जिसमें विस्तार से बताया गया कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद लोको पायलटों की कार्य स्थितियों में किस तरह से सुधार हुआ है।
रेल मंत्री ने कहा, “लोको पायलटों के ड्यूटी घंटों की सावधानीपूर्वक निगरानी की जाती है। ट्रिप के बाद उन्हें सावधानीपूर्वक आराम दिया जाता है। औसत ड्यूटी घंटे निर्धारित घंटों के भीतर बनाए रखे जाते हैं। इस साल जून के महीने में औसत 8 घंटे से कम है। केवल आपातकालीन स्थितियों में ही ट्रिप की अवधि निर्धारित घंटों से अधिक होती है।”
मंत्री ने कहा कि लोको कैब, जहां से पायलट ट्रेन चलाते हैं, 2014 से पहले “बहुत खराब स्थिति” में थे। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के तहत हुए बदलाव पर फोकस करते हुए कहा, “2014 से कैब में एर्गोनोमिक सीटें लगाई गई हैं और 7,000 से अधिक लोको कैब वातानुकूलित हैं। नए लोकोमोटिव एसी कैब के साथ बनाए जा रहे हैं।”
Loco pilots are important members of the railway family. Since there is a lot of misinformation and theatrics by opposition to demotivate our Loco pilots, let me make things very clear;
Improved working conditions;
Duty hours of loco pilots are carefully monitored. Rest is…— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) July 10, 2024
इसके बाद मंत्री ने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि 2014 के बाद लोको पायलट के लिए ऑफ-ड्यूटी आराम सुविधाओं में किस तरह से बदलाव आया है। उन्होंने कहा,”जब पायलट अपनी यात्रा पूरी करते हैं, तो वे मुख्यालय से बाहर होने पर आराम करने के लिए रनिंग रूम में आते हैं। 2014 से पहले, रनिंग रूम बहुत खराब स्थिति में थे। लगभग सभी (558) रनिंग रूम अब वातानुकूलित हैं। कई रनिंग रूम में फुट मसाजर भी उपलब्ध हैं। संयोग से लोको पायलटों की कार्य स्थितियों को समझे बिना कांग्रेस ने इसकी आलोचना की।”
वहीं भर्ती के विषय पर आगे बढ़ते हुए मंत्री ने कहा कि 34,000 रनिंग कर्मचारियों की भर्ती की गई है और 18,000 और भर्ती करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने अंत में कहा कि फर्जी खबरों से रेलवे परिवार का मनोबल गिराने की कोशिश नाकाम होगी। पूरा रेल परिवार अपने देश की सेवा में एकजुट है।