Trainee IAS Will be Investigated : पूजा खेडकर के दावों की जांच के लिए केंद्र ने समिति बनाई, 2 सप्ताह में रिपोर्ट देगी!

उनके दिव्यांगता सर्टिफिकेट, नॉन क्रीमी लेयर समेत सभी दावों को जांचा जाएगा!

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Trainee IAS Will be Investigated : पूजा खेडकर के दावों की जांच के लिए केंद्र ने समिति बनाई, 2 सप्ताह में रिपोर्ट देगी!

New Delhi : महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी आईएएस पूजा खेड़कर मामले की जांच के लिए केंद्र ने कमेटी बनाई है, जो 2 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। केंद्र सरकार ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 की उम्मीदवार पूजा खेडकर की उम्मीदवारी के दावों और अन्य विवरणों को सत्यापित करने के लिए भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव स्तर के एक वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह कमेटी 2 हफ्ते में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी उसके बाद पूजा खेड़कर के बारे में फैसला किया जाएगा। पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया है।

2023 बैच की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पर एक नौकरशाह के रूप में अनुचितता और अपने पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोप हैं। आरोप है कि वह अपनी निजी स्वामित्व वाली ऑडी सेडान पर लाल बत्ती, वीआईपी नंबर प्लेट और ‘महाराष्ट्र सरकार’ स्टिकर का उपयोग कर रही थी। इसके अलावा, एक ऐसी घटना भी हुई जहां उन्होंने स्थानीय जिला कलेक्टर के केबिन पर कब्ज़ा कर लिया। उन्होंने कलेक्टर से एक कार और एक सिपाही के साथ एक ऑफिस की भी मांग की थी।

फर्जी दस्तावेज का भी आरोप

यह बात सामने आई है कि पूजा खेडकर ने फर्जी दिव्यांगता प्रमाणपत्र के आधार पर आईएएस का पद हासिल किया था। लेकिन, सिलेक्शन के बाद अपने प्रमाण पत्र को सत्यापित करने के लिए 6 बार एम्स से नोटिस आने के बाद भी नहीं गईं। उन्होंने निजी संस्थान से अपनी एमआरआई रिपोर्ट लेकर जमा करवा दी।

पुणे जिला कलेक्टर ने पूजा खेडकर के व्यवहार को लेकर रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी है। इसके साथ ही मसूरी स्थित प्रशिक्षण संस्थान ने भी पूजा खेडकर के व्यवहार को लेकर महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है। बताया जा रहा है कि आईएएस पूजा खेडकर के पास करोड़ों रुपए की संपत्ति है। फिर उन्हें नॉन क्रीमी लेयर का लाभ कैसे दिया गया! इस पर सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने ओबीसी आरक्षण का फायदा कैसे उठाया? क्या नियम एवं शर्तों का पालन नहीं किया गया? ऐसा सवाल अब खड़ा हो गया है. प्रोबेशनरी पद पर रहते हुए उन्हें गृह नगर कैसे मिला?

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कौन है पूजा खेडकर के पिता

उनके पिता दिलीप खेड़कर जो राज्य सरकार के रिटायर्ड अधिकारी हैं उन्होंने भी अपनी बेटी को सुविधाएं देने के लिए उच्च अधिकारियों पर दबाव डाला था। रिटायरमेंट के बाद वो राजनीति में आ गए। अभी हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने वंचित बहुजन अघाड़ी के टिकट पर अहमदनगर सीट से चुनाव भी लड़ा, लेकिन उन्हें 13 हजार 749 वोटों के साथ हार का सामना करना पड़ा था।

पूजा का नाम इसलिए चर्चा में

पूजा खेडकर का नाम उस समय चर्चा में आ गया, जब महाराष्ट्र शासन ने उनका तबादला पुणे से वाशिम कर दिया। उनके खिलाफ पॉवर के दुरुपयोग की शिकायत मिली थी। सरकार ने यह कदम पुणे के कलेक्टर डॉ सुहास दिवासे की मुख्य सचिव को लिखी एक चिट्ठी के बाद उठाया था। वाशिम में पूजा को अतिरिक्त सहायक कलेक्टर बनाया गया, वो वहां 30 जुलाई 2025 तक सेवा देंगी।