Khargone News: उद्यानिकी फसलों ने दिलाई खरगोन को देश विदेश में नई पहचान 

मिर्च की ब्रांडिंग निमाड़ी तीखा लाल के नाम से

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Khargone News: उद्यानिकी फसलों ने दिलाई खरगोन को देश विदेश में नई पहचान 

खरगोन से आशुतोष पुरोहित की रिपोर्ट 

खरगोन: खरगोन ज़िले में विगत एक वर्ष में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा के नेतृत्व और मार्गदर्शन से ज़िले के उद्यानिकी विभाग ने तरक़्क़ी के नए आयाम हासिल किए है।

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कलेक्टर श्री शर्मा ने ज़िले का प्रभार संभालते ही विभागीय बैठक में निर्देशित किया कि खरगोन एक कृषि प्रधान ज़िला है। यहाँ उद्यानकी की फ़सलो में मिर्ची पूरे देश विदेश में जाती है तो हम निमाड की मिर्ची की ब्रांडिंग करे इसपर विभाग प्रमुख श्री गिरवाल ने कार्य करते हुए मिर्च की ब्रांडिंग निमाड़ी तीखा लाल के नाम से की। उक्त मिर्च आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने हेतू बैंक से लोन प्रक्रिया में तेज़ी लाने के निर्देश दिये। जिसकी बदौलत विभिन्न उद्योगों की इकाई स्थापित होकर ज़िले के लोगो को रोज़गार मिल रहा है और इन उद्योगों की बदौलत खरगोन का नाम देश भर में प्रसिद्ध हो रहा है।

 *इन योजनाओं से पायी उपलब्धि* 

प्रधानमंत्री सूक्ष्‍म खाद्य उद्यम उन्‍नयन योजना

जिले में प्रधानमंत्री सूक्ष्‍म खाद्य उद्यम उन्‍नयन योजना अंतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में 120 युनिट स्‍वीकृति के लक्ष्‍य प्राप्‍त हुए थे जिसके विरूद्ध 103 युनिट की राशि 8.30 करोड के आवेदन बैंको के माध्‍यम से स्‍वीकृत करवाये गये है। जिले में कुल 205 बैको के माध्‍यम से ऋण स्‍वीकृत करवाये गये है जिसमें 48 यूनिट मिर्च आधारित उद्योग के ऋण स्‍वीकृत हुए है। जिनमें सर्वाधिक 34 युनिट मिर्च प्रसंस्‍करण, 21- बहुउददेशिय आटा चक्‍की, 18-दुग्‍ध आधारित उद्योग, 10-नमकीन उद्योग, 42-आटा आधारित उद्योग, 4-बैकरी उद्योग, 4-तेल उद्योग, 3-तेल मिल, 3-गुड उद्योग, 3-मसाला उद्योग, 2- आटा मिल, 2-आइसक्रीम उद्योग, 2-पापड उद्योग, 1-अचार अद्योग, 1-केला चिप्‍स उद्योग, 1-गुलकंद उद्योग, 1-आलु चिप्‍स उद्योग, एवं 1-कुरकुरे उद्योग की इकाईयां स्‍थापित करवाई गई है ।

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फल क्षैत्र विस्‍तार- जिले में इस वर्ष 2023-24 अन्‍तर्गत मनरेगा योजना मे किसानो के निजी/पटटे की भूमि पर आम, अमरूद, नींबू, सीताफल के फलोदयान रोपण का लक्ष्‍य रखा गया है। इस हेतु लक्ष्‍यानुसार कृषक चयन उपरांत वर्तमान तक 1574 किसानो के यहा 1687.380 हेक्‍टेयर मे 868598 पौधो का रोपण कार्य पुर्ण हो गया है। जिले मे विगत तीन से चार वर्षो मे अमरूद थाई पिंक किस्‍म के फल के रकबे मे निरन्‍तर बढोत्‍तरी हो रही है। वर्तमान में लगभग 250 कृषकों के यहॉ अमरूद थाई पिंक का कुल रकबा 380 हेक्‍टेयर है तथा इन किस्‍म के उत्‍पादित फल सीधे दिल्‍ली विक्रय हेतु कृषकों द्वारा भेजे जा रहे है।

यंत्रीकरण योजना- जिले में अन्‍तर्गत एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजनान्‍तर्गत बागवानी यंत्रीकरण के घटक ट्रेक्‍टर में 166 कृषको को लाभांवित किया गया है। जिससे कृषकों को 8-10 मजदूर एवं 3-4 जोडी बैल के बराबर कार्य करने से कृषको को समय की बचत के साथ-साथ मजदुरी की भी बचत होती है इसलिए आर्थिक लाभ अधिक प्राप्‍त होता है।

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संरक्षित खेती- जिले में विभागीय योजनान्‍तर्गत संरक्षित खेती अंतर्गत 21 शेडनेड हाउस एवं पॉली हाउस में खेती के साथ-साथ सीडलिंग नर्सरीयों का संचालन भी किया जा रहा है। जिसमें लगभग प्रतिवर्ष 20 करोड सब्‍जी/मसाला रोप तैयार किये जा रहे है। जिससे कृषकों को हाईब्रीड मिर्च, टमाटर, बैंगन, पत्‍तागोभी एवं फूलगोभी के गुणवत्‍ता युक्‍त पौधे प्राप्‍त हो रहे है।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना- जिले मे विभागीय योजनान्‍तर्गत लगभग 55-60 प्रतिशत उद्यानिकी रकबा ड्रिप सिंचाई/मिनी स्प्रिंकलर से सिंचित है जो कि लगभग 45 हजार हेक्‍टेयर है। ड्रिप सिंचाई/मिनी स्प्रिंकलर सिंचाई से लगभग 40-70 प्रतिशत पानी की बचत होती है एवं पानी के साथ-साथ सुक्ष्‍म पौषक तत्‍वों का भी ड्रिप सिंचाई/मिनी स्प्रिंकलर सिंचाई के साथ उपयोग किया जाता है। जिससे मजदुरों व समय की बचत होती है एवं गुणवत्‍तायुक्‍त उपज के साथ 25-30 प्रतिशत उत्‍पादन में वृद्धि होती है।

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