Bhojshala Survey Report : ASI ने हाई कोर्ट में 2000 पेज की भोजशाला सर्वे रिपोर्ट पेश की!
Indore : हाई कोर्ट के निर्देश पर धार स्थित विवादास्पद स्मारक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने 98 दिनों तक सर्वे का काम किया। इस सर्वे की 2 हजार पेज की रिपोर्ट आज हाई कोर्ट में पेश कर दी गई। यह रिपोर्ट पहले 2 जुलाई को पेश की जाना थी। पर एएसआई ने समय बढ़ाने की अपील की थी उसके बाद समय 15 जुलाई किया गया। इस मामले में अब अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।
98 दिनों तक लगातार धार भोजशाला का सर्वे का काम करने में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम लगी रही। उसके बाद इसकी गहन रिपोर्ट तैयार करने में जुटी रही। इसमें सर्वे के दौरान मिले पुरावशेषों के बारे में विस्तृत व शोधपरक जानकारी शामिल की जाएगी। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अकेले जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया हैदराबाद ने ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) की रिपोर्ट पर ही 650 स्लाइड तैयार की हैं।
हाई कोर्ट में आज प्रस्तुत 2 हजार पेज की रिपोर्ट में व्यापकता है। 194 स्तंभों के 8-8 फोटो हैं। इस तरह से कई भागों की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी की गई है। शिलालेखों का भी अनुवाद किया गया। इसमें करीब 1700 अवशेषों की विशेषज्ञों की रिपोर्ट है। इस तरह से रिपोर्ट व उसके सहयोगी दस्तावेजों से रिपोर्ट 2 पेज की बनी। 27 जून को सर्वे बंद होने के बाद रिपोर्ट 2 जुलाई को हाई कोर्ट में प्रस्तुत की जानी थी। एएसआई की ओर से कोर्ट में 4 सप्ताह का अतिरिक्त समय रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए मांगा था। लेकिन, हाई कोर्ट ने 15 जुलाई तक का समय दिया।
कब और कहां से शुरू हुआ ये मामला
हिंदू फ्रंट फ़ॉर जस्टिस ने मई 2022 में हाई कोर्ट में सर्वे को लेकर याचिका लगाई थी। जिस पर 11 मार्च 2024 को हाईकोर्ट ने 11 मार्च 2024 को हाई कोर्ट ने वैज्ञानिक सर्वेक्षण का आदेश दिया। 22 मार्च से सर्वेक्षण चालू हुआ। 98 दिन तक बिना किसी छुट्टी कर सर्वेक्षण का काम हुआ। जीपीएस और जीपीआर हुआ। कोर्ट ने जो जो भी आदेश दिया था की 50 मीटर की परिधि में सर्वेक्षण का कार्य किया जाए वे सारे काम हुए। इस आधार पर रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की गई है।
याचिकाकर्ता ने वीडियो जारी किया
हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने आज एक वीडियो जारी करके अपने दावे को फिर दोहराया है कि भोजशाला हिंदुओं की है और यह 1034 में राजा भोज द्वारा निर्मित माता सरस्वती का मंदिर है। यहां नमाज बंद की जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हमें कोई भी जानकारी मीडिया को देने से मना किया गया है। इसके बावजूद आशीष गोयल ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के प्रवक्ता की तरह रिपोर्ट से जुड़ी कई जानकारियां इस वीडियो में दी।