IAS Pooja’s Father Rescues His Daughter : IAS पूजा खेडकर के पिता बचाव में सामने आए, बोले कि कुछ भी गैरकानूनी नहीं!

सरकारी काम के लिए रिश्तेदार की गाडी पर लाल बत्ती लगाई, उसमें क्या गलत!

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IAS Pooja’s Father Rescues His Daughter : IAS पूजा खेडकर के पिता बचाव में सामने आए, बोले कि कुछ भी गैरकानूनी नहीं!

Mumbai : अपनी हरकतों और नखरों की वजह से विवादों में आईं आईएएस पूजा खेडकर के मामले में उनके पिता दिलीप खेड़कर पहली बार बचाव में सामने आए। उन्होंने बेटी के कथित फर्जी दिव्यांगता और ओबीसी सर्टिफिकेट पर सफाई दी। पिता ने रविवार को बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी गैरकानूनी नहीं किया।

महाराष्ट्र सरकार के रिटायर्ड पूर्व कर्मचारी दिलीप खेडकर ने रविवार को एक न्यूज़ चैनल से कहा कि वे वास्तव में गैर समृद्ध वर्ग (नॉन-क्रीमी लेयर) से संबंध रखते हैं। दिलीप खेडकर ने लोकसभा चुनाव लड़ा था और उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में 40 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की। उन्होंने कहा कि यदि सीमित साधनों वाला कोई व्यक्ति चार से पांच एकड़ जमीन का मालिक है, तो मूल्यांकन से पता चल सकता है कि उसकी संपत्ति कई करोड़ रुपए है।

दिलीप ने कहा कि हालांकि क्रीमी लेयर के रूप में वर्गीकरण (संपत्ति) मूल्यांकन के बजाय आय पर निर्भर करता है। दिलीप ने कहा कि पूजा ने सरकारी काम के लिए ‘लग्जरी’ कार का इस्तेमाल किया। क्योंकि, कोई सरकारी वाहन उपलब्ध नहीं था। उसने प्रशासन में अपने वरिष्ठों से उचित अनुमति लेकर ही ऐसा किया। कार उनके रिश्तेदार की है, पूजा ने उस पर लालबत्ती लगाकर किसी को धोखा नहीं दिया।

ऐसे सुर्खियों में आईं पूजा खेडकर

पूजा हाल ही में तब सुर्खियों में आईं जब उन्होंने पुणे में अपनी तैनाती के दौरान कथित तौर पर अलग ‘केबिन’ और ‘स्टाफ’ की मांग की थी। उसके बाद उनका अचानक वाशिम जिले में तबादला कर दिया गया इसके बाद उन पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) यानी आठ लाख रुपए से कम वार्षिक आय और दृष्टिबाधित श्रेणियों के तहत सिविल सेवा परीक्षा देकर और मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करके आईएएस में स्थान प्राप्त करने के आरोप लगे।

 

उन पर यह भी आरोप

पूजा के खिलाफ आरोपों में से एक यह है कि जब एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें अपने कार्यालय के रूप में अपना पूर्व कक्ष उपयोग करने की अनुमति दी, तो उन्होंने पुणे कार्यालय में उस वरिष्ठ अधिकारी की ‘नेमप्लेट’ हटा दी। दिलीप ने कहा कि उसने अपने वरिष्ठ से उचित अनुमति लेकर केबिन का इस्तेमाल किया। क्या ऐसा कहीं लिखा है कि एक युवा ‘इंटर्न’ महिला आईएएस को अलग केबिन नहीं दिया जाना चाहिए!

अगर ऐसा लिखा है, तो मैं उसे नौकरी से इस्तीफा दिलवा दूंगा। दिव्यांगता प्रमाण पत्र के दुरुपयोग के आरोपों के बारे में उनके पिता ने कहा कि सरकार एक मानक स्थापित करती है, ताकि किसी व्यक्ति की विकलांगता का निर्धारण किया जा सके और उनकी बेटी उन मानदंडों को पूरा करती है।