Secrets of Ratna Bhandar : पूरी के जगन्नाथ मंदिर के खजाने में 7 घंटे बिताने वाली टीम ने क्या अजूबा देखा!
Puri : जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार वाले चैंबर में एक गुप्त सुरंग और कक्ष है, जिसमें कीमती आभूषण मौजूद हैं। रत्न भंडार के अंदरूनी कक्ष में सीक्रेट सुरंग या सीक्रेट रूम के होने की संभावना के बारे में पुरी के गजपति महाराजा दिव्य सिंह देब ने का कहना है कि एएसआई जांच के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर सकता है। बताया जा रहा है कि मंदिर प्रशासन रत्न भंडार की पूरी जांच के बाद मरम्मत के लिए रत्न भंडार के बाहरी और भीतरी दोनों कक्ष एएसआई को सौंपेगा। रत्न भंडार के अंदर चैंबर में सुरंग को लेकर सस्पेंस से बहुत जल्द पर्दा हट सकता है। 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार का लेजर स्कैन होगा। इसके लिए एएसआई यानी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पूरी तरह से तैयार है।
इस बारे में स्थानीय लोगों का मानना है कि मंदिर के खजाने के अंदरूनी कक्ष में एक सीक्रेट सुरंग है। इसे लेकर देब ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) चैंबर की हालत का पता लगाने के लिए लेजर स्कैनिंग जैसे आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर सकता है। इस तरह की तकनीक से किये गए सर्वे से सुरंगों जैसी किसी भी मौजूदा संरचना के बारे में जानकारी मिल सकती है।
निगरानी समिति के चीफ और उड़ीसा हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बिस्वनाथ रथ का कुछ और ही कहना है। दस अन्य सदस्यों के साथ रत्न भंडार के अंदरूनी कक्ष में 7 घंटे से अधिक समय बिताने वाले जस्टिस बिस्वनाथ रथ ने कुछ और ही रिपोर्ट दी। उनका कहना है कि रत्न भंडार में कोई सीक्रेट सुरंग नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारे निरीक्षण में हमें सुरंग जैसी किसी भी संरचना का कोई प्रमाण नहीं मिला। उन्होंने मीडिया और सोशल मीडिया इन्फ्ल्युएंसर्स से इस विषय पर गलत जानकारी न फैलाने का आग्रह भी किया।
भंडार में टीम को क्या-क्या दिखा
कमेटी के मेंबर और सेवादार दुर्गादास महापात्रा ने बताया कि हमें भगवान के खजाने के अंदर कोई गुप्त कक्ष या सुरंग नहीं दिखाई दी। रत्न भंडार लगभग 20 फीट ऊंचा और 14 फीट लंबा है। उन्होंने निरीक्षण के दौरान कुछ छोटी-मोटी कमियां भी देखी। छत से कई छोटे-छोटे पत्थर गिरे थे और रत्न भंडार की दीवार में दरार थी। अच्छी बात यह रही कि आशंका के विपरीत फर्श गीला नहीं था। लेकिन, सुरंग का रहस्य अभी बना हुआ है जिसका राज खुलना बाकी है।