Scholership Schemes: छात्रवृत्ति योजनाओं के सरलीकरण और छात्रावास व्यवस्था में सुधार की जिम्मेदारी 7 मंत्रियों को 

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Scholership Schemes: छात्रवृत्ति योजनाओं के सरलीकरण और छात्रावास व्यवस्था में सुधार की जिम्मेदारी 7 मंत्रियों को 

भोपाल : मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को विभिन्न विभागों द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति योजनाओं का सरलीकरण किया जाएगा और छात्रावास व्यवस्था में सुधार किया जाएगा। इसके लिए 7 मंत्रियों को जिम्मेदारी सौपी गई है।

जनजातीय कार्य मंत्री, अनुसूचित जाति कल्याण, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा मंत्री के अलावा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री, चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री को जिम्मेदारी दी गई है कि छात्रावास व्यवस्था में सुधार लाएं और छात्रवृत्ति योजनाओं का सरलीकरण करें।

ये सातों मंत्री अपने विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव के साथ मिलकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को अलग-अलग विभागों द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्तियों की योजनाओं की समीक्षा करेंगे, इनका सरलीकरण करेंगे और इनके वितरण में एकरुपता लाएंगे।

तीनों विभागों के अंतर्गत संचालित छात्रावासों में रहने की व्यवस्था, पेयजल, शौचालय, भोजन, साफ-सफाई व्यवस्था, विद्युत व्यवस्था और विद्यार्थियों को प्रदाय किए जाने वाले बर्तन, फर्नीचर, बिस्तर, तकिए, कंबल, वाईफाई और अन्य सेवाओं को व्यवस्थित करने के लिए मौजूदा व्यवस्थाओं का अध्ययन, परीक्षण और सुधार करेंगे। ये सभी एक सप्ताह में अपनी अनुशंसाएं जनजातीय कार्य मंत्री के जरिए मुख्यमंत्री को देंगे।

 *क्यों पड़ी जरुरत-* 

प्रदेश के विभिन्न विभागों में विद्यार्थियों को दी जाने वाली छात्रवृत्तियों को प्रदाय करने के लिए अभी अलग-अलग नियम और प्रक्रियाएं है। सबके लिए पात्रका की शर्ते भी अलग अलग है। इनके लिए आवेदन करने का माध्यम भी अलग-अलग है। कई प्रक्रियाएं काफी जटिल है। इसलिए इनमें सुधार और इनके सरलीकरण की जरुरत है। इसी तरह छात्रावासों की सुविधाओं में सुधार के लिए लंबे समय से कोई विश्लेषण नहीं किया गया है। अत्याधुनिक तकनीकी का उपयोग बढ़ गया है। स्कूल, कॉलेजों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, कम्प्यूटर, रोबोटिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ गया है। इसलिए इनके हिसाब से छात्रावासों मे और व्यवस्थाएं किए जाने की जरुरत है। इसी लिए अब यह सुधार प्रक्रिया शुरु की जारही है।