सीतारमण का बजट, सुकून मिलने या छिनने का गजट…!

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सीतारमण का बजट, सुकून मिलने या छिनने का गजट…!

मोदी-3 सरकार का बजट आने के बाद पक्ष-विपक्ष की प्रतिक्रियाओं ने 23 जुलाई की तारीख को इस असमंजस में डाल दिया कि दिन मंगलवार का था या अमंगलवार का बनकर रह गया। वैसे तो बजट में मोदी जी की कथित चार जातियों युवा, किसान, महिला और गरीबों के लिए काफी कुछ रखा गया, लेकिन विपक्ष को इसमें कुछ नजर नहीं आया। हर साल की तरह बजट का लब्बोलुआब बस इतना सा ही नजर आ रहा है कि सत्ता पक्ष की नजर में बजट सुकून मिलने का गजट है तो विपक्ष की नजर में बजट सुकून छिनने का गजट है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट संसद में पेश किया। इस बजट में किसानों से लेकर युवाओं और महिलाओं पर फोकस किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम सत्ता पक्ष के नेताओं ने बजट का स्वागत किया और इसे अभूतपूर्व बजट बताया तो वहीं विपक्ष ने इसे अलग नजरिए से देखा। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने  बजट को ‘कुर्सी बचाओ बजट’ करार दिया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बजट के बाद एक्स पर पोस्ट करते हुए इसे कुर्सी बचाओ बजट बताया। उन्होंने कहा, बजट के जरिए सहयोगियों को खुश करने की कोशिश की गई, जबकि अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे खोखले वादे किए गए। राहुल ने आगे कहा कि बजट के जरिए मित्रों को खुश किया गया। एए (अडाणी-अंबानी) को फायदा लेकिन आम भारतीयों को कोई राहत नहीं। उन्होंने तीसरा पॉइंट ‘कॉपी और पेस्ट’ बताया। उनका कहना है कि ये बजट कांग्रेस के घोषणापत्र और पिछले बजट का कॉपी पेस्ट है।

केंद्रीय बजट 2024 पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, “उन्हें (केंद्र को) यह बजट कागजों पर तो ठीक लगता होगा, लेकिन जमीनी स्तर पर इससे किसानों को कोई फायदा नहीं होने वाला है…सरकार को फसलों की कीमत देनी चाहिए, मुफ्त बिजली, सस्ती खाद देनी चाहिए, खेती के उपकरणों पर जीएसटी कम करना चाहिए…।”

तो मोदी की नजर में यह बजट भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए ‘उत्प्रेरक’ का काम करेगा और विकसित भारत की नींव भी रखेगा।वित्त मंत्री को बधाई देते हुए उन्होंने कहा, “यह बजट देश के गांव, गरीब, किसान को समृद्धि की राह पर ले जाने वाला बजट है।” उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं और इससे नया मध्यम वर्ग बना है, यह उनके सशक्तिकरण की निरंतरता का भी बजट है। उन्होंने कहा, “यह नौजवानों को अनगिनत नए अवसर देने वाला बजट है। इस बजट से शिक्षा और स्किल (कौशल) को नयी गति मिलेगी। यह मध्यम वर्ग को नयी ताकत देने वाला बजट है। यह जनजातीय समाज, दलित, पिछड़ों को सशक्त करने की मजबूत योजनाओं के साथ आया है।” तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल को बजट में पूरी तरह वंचित रखा गया और गरीब लोगों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण और जनविरोधी है। टीएमसी ने कहा कि बजट में पश्चिम बंगाल के लिए कुछ भी नहीं है और यह भारत के लिए नहीं, बल्कि NDA के लिए पेश किया गया बजट है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने यह दावा भी किया कि यह ‘कुर्सी बचाओ बजट’ है। उन्होंने कहा, “इस बजट का उद्देश्य नरेंद्र मोदी की स्थिति को बचाना है। यह राजग के लिए बजट है, भारत के लिए नहीं है।”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्रीय बजट में इंटर्नशिप योजना का ऐलान किए जाने के बाद तंज कसते हुए अंदाज में कहा कि उन्हें इस बात की खुशी हुई है कि लोकसभा चुनाव के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का घोषणा पत्र पढ़ा, क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का ऐलान किया है। उन्‍होंने बीजेपी के नेतृत्‍व वाली एनडीए सरकार पर कांग्रेस के लोकसभा घोषणापत्र 2024 से आइडिया चुराने का आरोप लगाया। चिदंबरम और जयराम रमेश ने बजट में घोषित कुछ योजनाओं की तुलना कांग्रेस के घोषणापत्र में शामिल प्रस्तावों से करते हुए सरकार पर निशाना साधा।

खैर बजट में बहुत कुछ है, जो महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों के खुश होने के लिए पर्याप्त है। गरीबों को पांच साल मुफ्त राशन की व्यवस्था चलती रहेगी। किसानों के हिस्से में इस साल कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान है। रोजगार के लिए 3 प्रमुख योजनाओं पर सरकार काम करेगी।बिहार में 3 एक्सप्रेस वे का ऐलान है। बोधगया- वैशाली एक्सप्रेस वे बनेगा।पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे का निर्माण होगा। बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन का पुल बनेगा। बिहार में एक्सप्रेस वे के लिए 26 हजार करोड़ का प्रावधान है। छात्रों को 7.5 लाख का स्किल मॉडल लोन देने की बात है। पहली बार नौकरी वालों को अतिरिक्त पीएफ का प्रावधान है। नौकरियों में महिलाओं को प्राथमिकता की बात है। 2 लाख करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ 5 वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए 5 योजनाओं और पहलों के प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा की गई है। शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। तो बजट में बिहार और आंध्रप्रदेश पर खुशियों की बरसात की गई है।

पर यह बात पत्थर की लकीर है कि बजट में क्या है और क्या नहीं है, यह कतई मायने नहीं रखता। बात जब सत्ता पक्ष और विपक्ष की होगी, तो इस बात में कतई संशय नहींं है कि सत्ता पक्ष को बजट हमेशा सुकून मिलने वाला गजट लगेगा और विपक्ष को बजट हमेशा सुकून छिनने वाला गजट ही नजर आएगा…।