FIR Against 2 ED Officers : सिद्धारमैया को फंसाने के लिए सरकारी अधिकारी पर दबाव डाला, 2 ED अफसरों पर FIR दर्ज!
Bangluru : यहां की एक विशेष अदालत ने कर्नाटक के पूर्व मंत्री बी नागेंद्र को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मामला कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में कथित अनियमितताओं का है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के खिलाफ भी एफआईआर हुई। आरोप है कि उन्होंने सिद्धारमैया को फंसाने का प्रयास किया था।
कर्नाटक की राजनीति में हलचल मचाने वाले आदिवासी निधि घोटाले ने नया मोड़ ले लिया। बेंगलुरु सिटी पुलिस ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दो बड़े अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। यह एफआईआर समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी की शिकायत पर दर्ज की गई।
अधिकारी ने आरोप लगाया कि ईडी के अधिकारी उन पर मुख्यमंत्री, वित्त विभाग और पूर्व मंत्री बी नागेंद्र को घोटाले में फंसाने के लिए दबाव डाल रहे थे। आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दो अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। वहीं धन शोधन मामले में बेल्लारी ग्रामीण से कांग्रेस विधायक नाग्रेंद्र को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत समाप्त होने के बाद अदालत में पेश किया गया। ईडी ने पूछताछ के बाद इस मामले में 12 जुलाई को नागेंद्र को गिरफ्तार किया था। घोटाले के सिलसिले में अपने खिलाफ लगे आरोपों के बाद अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री नागेंद्र ने छह जून को पद से इस्तीफा दे दिया था।
राज्य सरकार की विशेष जांच टीम इस मामले की जांच कर रही है। इसके अलावा, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भी 187 करोड़ रुपये की राशि के कथित दुरुपयोग और हैदराबाद स्थित कंपनियों को 88 करोड़ रुपये के अवैध हस्तांतरण की जांच कर रही है।
ED और CBI जांच कर रही
जांच को और मजबूत करने के लिए, सीबीआई ने ईडी की सहायता ली गई। केंद्रीय एजेंसी ने पूर्व मंत्री बी नागेंद्र और वाल्मीकि निगम के अध्यक्ष और विधानसभा के सदस्य बसनगौड़ा दद्दाल से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की थी। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नागेंद्र को हिरासत में ले लिया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।