Collector’s Initiative : मनोरोगी महिला का उपचार कराया, पहुंचाया सेवा धाम आश्रम!

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Collector’s Initiative : मनोरोगी महिला का उपचार कराया, पहुंचाया सेवा धाम आश्रम!

Ratlam : परोपकार के कार्य में सदैव तत्पर रहते हुए अपनी सेवाएं प्रदान करने वाले समाजसेवियों की शहर में सेवाएं देने की मिसाल बनती जा रही हैं ऐसे में जिले के जिलाधीश भी कहा पीछे रहेंगे उनकी समाज के प्रति उदारता से भी कई लोग लाभांवित हो रहे हैं।

शहर में एक मनोरोगी अति उत्तेजित गुस्सैल महिला को पिछले सप्ताह पूर्व पार्षद तथा समाजसेवी अदिति दवेसर द्वारा कोर्ट चौराहे से रिक्शा में बिठाकर जिला चिकित्सालय में लाकर भर्ती कराया गया। जहां समाजसेवी गोविन्द काकानी भी मौजूद थे।

उन्होंने भी अदिति दवेसर का सहयोग करते हुए जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में महिला को भर्ती करवाया। भर्ती महिला दूसरे दिन अस्पताल प्रबंधन को चकमा देकर जिला चिकित्सालय से भाग गई और पुनः कोर्ट चौराहे पर जाकर धमाल मचाने लगी।

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क्षेत्रीय लोगों ने इस बात की शिकायत कलेक्टर राजेश बाथम को की गई। शिकायत मिलने पर जिलाधीश राजेश बाथम के सहयोग से महिला एवं बाल विकास अधिकारी रजनीश सिन्हा व वन स्टाप सेंटर श्रीमती शकुंतला मिश्रा द्वारा महिला को पुनः जिला चिकित्सालय लाकर आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। इस बार महिला के वापस भाग नहीं जाने को लेकर उसके कमरे पर ताला लगा कर रखा गया। जहां पर समाजसेवी गोविंद काकानी एवं उनकी टीम द्वारा उसके द्वारा लगातार की जा रही फरमाइशों को पूरा करते हुए, जिला चिकित्सालय सिविल सर्जन डॉक्टर सागर एवं चिकित्सक डॉ पवन महेश्वरी द्वारा दी गई दवाइयों के असर से महिला के स्वास्थ्य में निरंतर सुधार होता गया।

इस संदर्भ में समाजसेवी तथा रोगी कल्याण समिति के सदस्य गोविंद काकानी ने बताया कि सरिता जिसकी उम्र तकरीबन 55 वर्ष हैं और हाई ब्लड प्रेशर की शिकार होकर मनोरोगी बन गई। बेहोशी की हालत में उसे लाया गया थाऔर अस्पताल में उसकी बिगड़ी दशा को लेकर सभी परेशान थें।

अस्वस्थ्ता के चलते उत्तेजित और गुस्सैल स्वभाव की महिला सरिता को संभालना आइसोलेशन वार्ड के कर्मचारियों और नर्सों से भी नहीं हों पा रहा था। वह बार-बार समाजसेवी काकानी से इसे जल्दी अन्य चिकित्सालय भेजने का निवेदन कर रहें थे क्योंकि ऐसी उत्तेजित महिला को रखने की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण एवं लगातार तोड़फोड़ और भाग जाने से उनके मन में डर बैठ गया था।

मानसिक रोगी महिला को विदा करते वक्त महिला को नाश्ता, दवाई, पानी एवं उसे नहलाते हुए नए कपड़े देकर विदा किया गया यह माहौल देखकर वार्ड में मौजूद सभी लोगों की आंखें भर आई थी।