LED Display Board : जितना बड़ा व्यावसायिक एलईडी डिस्प्ले बोर्ड उतना ज्यादा निगम टैक्स वसूलेगा!
Indore : कारोबारी प्रतिष्ठानों के बाहर 3 फीट से बड़े एलईडी डिस्पले बोर्ड का शुल्क आकार के हिसाब से वसूलने की तैयारी की जा रही है। निगम अधिकारी इसके लिए पुराने कानून का हवाला देते हुए सर्वे कर रहे हैं। निगम की मंशा है कि जिन दुकानों के बाहर 3 फीट से अधिक बड़े डिस्प्ले बोर्ड लगे हैं उनसे विज्ञापन शुल्क वसूला जाए। इससे निगम की आय में बढ़ोतरी होगी। साथ ही आर्थिक तंगी से जूझते निगम को बड़ी राहत भी मिलेगी। जिन कंपनियों ने शहर में अपने प्रोडक्ट के प्रचार के लिए डिस्प्ले बोर्ड लगा रखे हैं, उनसे भी विज्ञापन शुल्क वसूलने का फैसला किया गया है।
अधिकारियों के मुताबिक, इसके लिए जल्दी ही मुहिम शुरू की जा सकती है। हालांकि, कुछ महीने पूर्व भी इसकी तैयारी की गई थी। लेकिन, भारी विरोध के चलते मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। अब किसी प्रकार के चुनाव भी नहीं है, इसलिए मामला तेजी पकड़ सकता है।
जानकारी अनुसार शहर के कारोबारी प्रतिष्ठान, दुकानों और अन्य स्थान पर लगाए गए 3 फीट से बड़े डिस्प्ले बोर्ड और एलईडी बोर्ड पर विज्ञापन शुल्क वसूला जाएगा। इसके लिए निगम अधिकारी तैयारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इसका कानून तो पुराना ही है, लेकिन किसी कारण से अभी तक यह सामने नहीं लाया गया और इसका पालन नहीं हो सका। अब जबकि निगम आर्थिक तंगी से गुजर रहा है तो खजाना भरने के लिए नए-नए रस्ते ढूंढे जा रहे हैं। इसी के तहत 3 फीट से बड़े विज्ञापन बोर्ड पर भी शुल्क वसूलने की तैयारी की जा रही है।
अधिकारियों के अनुसार बढ़ती शहरी सीमा के कारण कारोबारी क्षेत्र में भी भारी इजाफा हुआ है। हालांकि चीज अनुपात में शहर का विस्तार हुआ है उसे अनुसार निगम को व्यावसायिक शुल्क नहीं प्राप्त हो रहा है। अधिकारियों के अनुसार सभी कारोबारी प्रतिष्ठानों से जिन्होंने विज्ञापन के बड़े-बड़े बोर्ड दुकानों के बाहर लगा रखे हैं विज्ञापन शुल्क वसूला जाएगा।
अगले महीने से निगम की मुहिम
निगम अधिकारियों के मुताबिक, इस महीने सभी क्षेत्र का सर्वे पूरा करने की तैयारी है। इसके बाद अगले महीने के पहले सप्ताह से ही 3 फीट से बड़े डिस्प्ले बोर्ड पर विज्ञापन शुल्क वसूला जाएगा। इसके लिए सभी तैयारी अभी पूरी कर ली गई। निगम का खजाना भरने के लिए अधिकारी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। यह भी बताया जा रहा है कि इस महीने शासन ने जो चुंगी क्षतिपूर्ति की धनराशि कटी है, उसे निगम को विकास कार्य करवाने में भारी परेशानी आ रही है। इसे दूर करने के लिए भी हर संभव प्रयास किया जा रहे है।