Corporation Broke Encroachments : न्याय नगर में अवैध निर्माण तोड़ने गए निगम अमले का विरोध
Indore : नगर निगम ने बारिश के बीच आज सुबह न्याय नगर के 10 घरों पर बुलडोजर चला दिया। निगम का अमला एक बिल्डर की जमीन पर बने 77 अवैध मकान ढहाने पहुंचा था। रहवासियों के भारी विरोध के बीच कार्रवाई रोकनी पड़ी।
गुस्साए रहवासियों ने पथराव किया और बुलडोजर में जमकर तोड़फोड़ की। निगम का अमला सुबह जेसीबी और पुलिस बल के साथ न्याय नगर पहुंचा। कार्रवाई के दौरान भारी हंगामा और हाथापाई हुई। रहवासियों ने निगम अमले पर हमला कर दिया। कुछ लोग जेसीबी के सामने लेट गए। एक रहवासी महिला की तबीयत बिगड़ी है। पुलिस ने एक युवक को हिरासत में ले लिया। विरोध बढ़ता देख कार्रवाई 6 अगस्त तक रोक दी गई। अब रहवासियों को मकान खाली करने के लिए समय दिया गया है।
एसडीएम रोशन राय ने बताया कि ये मकान श्रीराम बिल्डर के नाम पर दर्ज जमीन पर बने हैं। बिल्डर की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। इस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने मकान अवैध मानते हुए हटाने के निर्देश दिए। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के संबंध में प्रशासन को 6 अगस्त को जवाब पेश करना है। बरसते पानी में निर्माण हटाए जाने के सवाल पर अफसर ने यही कहा कि ‘सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जा रहा है।’ रहवासियों को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से स्टे नहीं मिला। बरसते पानी में बेघर हुए परिवार रहने का आसरा नहीं बचा। कुछ परिवार आसपास के अन्य घरों में आश्रय ले रहे हैं।
क्षेत्र के पार्षद महेश जोशी ने कहा कि मामला 20 साल से कोर्ट में विचाराधीन था। जिन लोगों को सुप्रीम कोर्ट से स्टे नहीं मिला उनके मकान तोड़ने हुआ। है। 6 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई है, इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। चिह्नित मकानों के सामने ‘एस’ लिखा था जिन पर स्टे होना बताया गया। ऐसे कुछ मकान फिलहाल छोड़ दिए गए हैं।
कार्रवाई का विरोध
नगर निगम की कार्रवाई के विरोध में रहवासी बुलडोजर के आगे लेट गए। एक ने बुलडोजर के पहिए पर पैर रखकर कार्रवाई का विरोध किया। कहा कि जान दे दूंगा, पर मकान नहीं तोड़ने दूंगा। कार्रवाई का विरोध करने के लिए महिलाएं सबसे आगे रहीं। निगमकर्मियों को उन्हें हटाने के लिए सबसे ज्यादा मशक्कत करना पड़ी। इस दौरान महिला पुलिसकर्मियों ने मोर्चा संभाला।
हो रहे विरोध के दौरान महिलाओं को हटाए जाने के बाद पुरुष भी आगे आए। वहां मौजूद युवाओं ने कहा कि हमने पूरा टैक्स दिया है। हमारे पास निगम के मकान संबंधी जमा किए गए सभी टैक्स की रसीदें हैं। रहवासियों ने बताया कि जमीन-जायदाद बेचकर मैंने यह मकान बनाया। सुप्रीम कोर्ट में पता नहीं कौन से कागज पेश करके मेरा मकान तोड़ रहे हैं। मेरे पास रजिस्ट्री, निगम के कागज सभी हैं।