Finance Department Summons Officers: सरकारी विभाग फायनेंस को नहीं बता रहे कितना रुपया डूबत खाते में, वित्त विभाग ने मंत्रालय में किया तलब

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Finance Department Summons Officers: सरकारी विभाग फायनेंस को नहीं बता रहे कितना रुपया डूबत खाते में, वित्त विभाग ने मंत्रालय में किया तलब

भोपाल. प्रदेश के सरकारी महकमों ने उनके अधीनस्थ काम करने वाले संस्थानों और एजेंसियों को काफी राशि ऋण और अग्रिम के रुप में बांटी और इनमें से करोड़ों रुपया वापस नहीं आ पाया है। लेकिन विभाग महानियंत्रक लेखा परीक्षक को मांगने पर भी यह जानकारी नहीं दे रहे है। ऐसे विभागों के अफसरों को अब वित्त विभाग ने मंत्रालय में तलब किया है।
महानियंत्रक लेखा परीक्षक ने वित्त विभाग से सारे विभागों की ऐसी जानकारी मांगी है जो इन विभागों के अधीनस्थ काम करने वाले निगम, कंपनियों, संयुक्त पूंजी कंपनियों, साझेदारी, ऋण बैंक और सहकारी संस्थानों को ऋण एवं निवेश के रुप में सहायता के जरिए प्रदान की। उनके आडिटेड लेखे भी मांगे थे। ऋण और अग्रिम के रुप में दी गई राशि इनमें से ऐसे ऋण जो वापस नहीं मिल पाए है और ऐसे अग्रिम जो न मिल पाने के कारण बट्टे खाते में डाले गए है और इनके लिए विभागों द्वारा किए गए ब्याज भुगतान की जानकारी भी मांगी थी। निगम, कंपनियों, सहकारी संस्थाओं के लाभ की राशि की जानकारी भी निकायवार मांगी गई थी।

पूर्व अवधि समायोजन में जो पिछले वर्ष की शेष राशि और क्रमिक बुकिंग को प्रभावित कर सकते है जिसके लिए खाते बंद कर दिए गए उनकी जानकारी भी मांगी गई थी। ऋण के रुप में बांटी गई राशि, ऋणों से बकाया पुनर्भुगतान की जानकारी भी मांगी गई थी। बैंकों में रखी गई राशियां, शासकीय लेखों के बाहर निधियों की संचालन की जानकारी मांगी थी। पंचायती राज संस्थाओं को दिए गए अनुदान की राशि , आरक्षित निधि के नियम, बजट में प्रस्तावित नई योजनाओं के भविष्य के लिए नगद प्रवाह से संबंधित जानकारी, वस्तु के रुप में दिए गए सहायक अनुदान की जानकारी भी मांगी गई थी। 31 मार्च 2024 की स्थिति में यह सारा ब्यौरा प्रदेश के वित्त लेखाओं में शामिल किया जाना है। भारत के महानियंत्रक लेखा परीक्षक को यह जानकारियां चाहिए थी। इसके लिए दस मई और बाद में फिर सात जून तक की मोहलत दी गई थी। कई विभागों ने यह जानकारी अब तक नहीं दी है। ऐसे सभी विभागों के अधिकारियों को संचालक बजट ने जानकारी के साथ मंत्रालय में तलब किया है।