Kangana’s New Target : अब कंगना रनौत ने ओलंपिक के उद्घाटन पर निशाना लगाया!   

कहा कि 'नीले रंग में रंगे एक नग्न व्यक्ति को भी दिखाया और ईसाई धर्म का मजाक उड़ाया!'

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Kangana’s New Target : अब कंगना रनौत ने ओलंपिक के उद्घाटन पर निशाना लगाया!   

New Delhi : हर मामले में टिप्पणी करने वाली कंगना रनौत ने अब ‘पेरिस ओलंपिक-2024’ के उद्घाटन समारोह को भी नहीं छोड़ा। अभिनेत्री से नेता बनी कंगना के बारे में चर्चित है कि वे ऐसे मामलों में भी टांग अड़ाती हैं, जिससे उनका कोई वास्ता नहीं! सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर कंगना रनौत ने ओलंपिक के उद्घाटन समारोह की कई तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए।

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कंगना ने दिखाए गए ‘द लास्ट सपर’ के प्रस्तुतिकरण की निंदा की। उन्होंने इसमें एक बच्चे को शामिल करने के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की और आलोचना की। एक वीडियो साझा करते हुए, कंगना रनौत ने लिखा ‘पेरिस ओलंपिक द लास्ट सपर के अपने अति कामुक, निंदनीय प्रस्तुतीकरण में एक बच्चे को शामिल करने के लिए आलोचना का शिकार हो रहा है। प्रदर्शन के दौरान एक स्पष्ट बच्चे को ड्रैग क्वीन्स में शामिल होते देखा जा सकता है। उन्होंने यीशु के रूप में नीले रंग में रंगे एक नग्न व्यक्ति को भी दिखाया और ईसाई धर्म का मजाक उड़ाया। वामपंथियों ने ओलंपिक 2024 को पूरी तरह से हाईजैक कर लिया। शर्म की बात है।’

कंगना ने नीले रंग से रंगे एक आदमी की तस्वीर साझा की और लिखा, ‘पेरिस में ओलंपिक के उद्घाटन के दौरान नग्न शरीर पर ईसा मसीह का रंग चढ़ा हुआ था।’ कंगना ने एक और फोटो शेयर कर सवाल किया ‘इस तरह फ्रांस ने 2024 ओलंपिक के लिए दुनिया का स्वागत किया … और ऐसी हरकतों का संदेश क्या है? शैतान की दुनिया में आपका स्वागत है? क्या वे यही दिखाना चाहते हैं?’

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समलैंगिकता के प्रदर्शन पर भी टिप्पणी 

कंगना ने प्रदर्शन का एक कोलाज भी पोस्ट किया और लिखा कि उद्घाटन समारोह में यह सब समलैंगिकता के बारे में था। कंगना ने जोड़ा ‘ओलंपिक के उद्घाटन में सब कुछ समलैंगिक होने के बारे में था, मैं समलैंगिकता के खिलाफ नहीं हूं। लेकिन, यह बात मेरी समझ से परे है कि ओलंपिक किसी भी कामुकता से कैसे संबंधित है? मानवीय उत्कृष्टता का दावा करने वाले सभी राष्ट्रों के खेलों, खेलों में भागीदारी पर कामुकता का कब्जा क्यों हो रहा है? यौन संबंध हमारे शयनकक्ष में क्यों नहीं रह सकता? इसे राष्ट्रीय पहचान क्यों होना चाहिए? यह विचित्र है!’