पूंजीवाद और भौतिकवाद की आड़ में ग्राहक ठगा जा रहा – श्री सबनिस
अमानक और डुप्लीकेट स्पेयर पार्ट्स से 20 प्रतिशत दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई – – डीआइजी श्री सिंह
मंदसौर में उपभोक्ता जनजागरण संगोष्ठी संपन्न
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर। भ्रामक विज्ञापन, उत्पादों की बिक्री होड़ और टीआरपी के खेल में आम उपभोक्ताओं को ठगी का शिकार होना पड़ रहा है, अब तो सामाजिक और पारिवारिक माहौल भी प्रभावित होने लगा है, इस पर सरकार और समाज को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है यह विचार व्यक्त किये ग्राहक पंचायत संस्था के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री दिनकर सबनिस ने।
आप रविवार शाम रुद्राक्ष सभागार नयापुरा मार्ग पर मालवा सोसायटी ऑफ़ सोशल रिसर्च एवं श्रीराम सेना के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “उपभोक्ता जनजागरण” प्रबुद्धजनों की संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
नईदिल्ली से आये श्री सबनिस ने कहा कि बढ़ते पूंजीवाद और भौतिकवाद के कारण हमें ठगा जारहा है, विदेशी कम्पनियों के मायाजाल में हर वर्ग सम्मोहित होरहा इस पर लगाम जरूरी है। आपने अपील करते हुए कहा कि स्थानीय बाजार से मांग पूर्ति करें और ऑनलाइन शॉपिंग पर रोक लगाएं तभी सामाजिक तानाबाना मजबूत होगा और हम लाभान्वित होंगे।
अधिकतम निर्धारित मूल्यों के मामले में राज्यों एवं केंद्र सरकार को निश्चित फॉर्मूला बनाने की आवश्यकता है इसके अभाव में हम अपने आप को ही छल रहे हैं। ग्राहक पंचायत उपभोक्ता फोरम संस्था राष्ट्रीय स्तर पर इसके बारे में अभियान चलाएगी। जागरूकता के साथ स्थान स्थान पर कार्य करेगी।
संगोष्ठी के विशेष अतिथि रतलाम रेंज पुलिस महानिरीक्षक (डीआईजी) श्री मनोज कुमार सिंह ने कहा कि नैतिकता छोड़ अनैतिक व्यापार पोषित हो रहा। अतिरिक्त और जल्दी लाभ कमाने के कारण खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता ख़राब हो रही इसके वजह से केंसर जैसे घातक रोग में वृद्धि हो रही।
श्री सिंह ने बताया कि चार पहिया और दुपहिया वाहनों में जरूरत पड़ने पर अमानक या सबस्टैंडर्ड, डुप्लीकेट कल पुर्जे इस्तेमाल करने से दुर्घटनाओं में 20 प्रतिशत का इजाफा हो गया है वहीं इसके कारण वाहनों में पेट्रोल डीजल ईंधन की खपत में वृद्धि होरही यह दोनों दृष्टि से आर्थिक मार है। जान का जोखिम बढ़ रहा है, प्रति घंटे 17 लोगों की जान जारही है वहीं सैंकड़ों लोग अंग भंग के शिकार हो रहे।
आपने इसे शुद्ध और सरल आत्महत्या निरूपित किया।
उपभोक्ताओं के हितों में जागरूकता के साथ मजबूत संगठन की बड़ी आवश्यकता है जो समस्याओं को समझने के साथ समाज, सरकार और निर्माताओं के माध्यम से समाधान कराए।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए जनपरिषद अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल ने कहा कि उत्पादन एवं उपभोक्ता के बीच विश्वास होना चाहिए इसके अभाव में शोषण हो रहा, एम आर पी के खेल में आर्थिक मार पड़ रही कोई नियंत्रण नहीं हो रहा। मैन्युफैक्चरिंग और डिस्ट्रीब्यूटर के बीच उपभोक्ताओं के हित प्रभावित हो रहे। प्रचलित नियमों का कड़ाई से पालन कराना जरूरी है।
नगर पालिका उपाध्यक्ष श्रीमती नम्रता चावला ने विचार व्यक्त करते हुए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू किये जाने पर बल दिया।
इस अवसर पर अतिथियों ने सोसायटी द्वारा प्रकाशित “भारतीय चेतना के स्वर” गीत संग्रह का विमोचन किया। वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल द्वारा संपादित साहित्य संग्रह “यथार्थ” अतिथियों को भेंट किया।
मालवा सोसायटी ऑफ़ सोशल रिसर्च के अध्यक्ष डॉ आशीष खिमेसरा एवं अन्य ने अतिथियों को पशुपतिनाथ महादेव की मेटल प्रतिमा सम्मान स्वरूप भेंट की।
आरंभ में अतिथियों ने भारतमाता चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया। स्वागत उद्बोधन मालवा सोसायटी ऑफ़ सोशल रिसर्च संस्थापक, पूर्व प्राचार्य डॉ ज्ञानचंद खिमेसरा ने देते हुए संस्था के तीन दशक की गतिविधियों की जानकारी दी। संचालन श्रीमती डॉ अंजली जैन ने आभार सरदार कुणाल श्रीवास्तव ने माना।
योग गुरू रोटरी अध्यक्ष सुरेंद्र जैन खाटू श्याम मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष शिवकरण प्रधान, महावीर इंटरनेशनल प्रमुख आयुष जैन, प्रेस क्लब अध्यक्ष ब्रजेश जोशी, रवि प्रकाश बुंदेला रमेश चंद्र चंद्रे, शिक्षाविद डॉ रविन्द्र सोहनी, सुभाष गुप्ता, वीरेंद्र भट्ट, अजिजुल्लाह ख़ालिद, वाल्मीकि समाज प्रमुख राजाराम तंवर, राजेंद्र चाष्टा, सचिन पारिख, क्षितिज पुरोहित, संजय लोढ़ा, गिरधारी जजवानी, कपिल भंडारी नरेंद्र त्रिवेदी, विजयसिंह पुरावत, निर्मला गुप्ता सुनीता भावसार, गरिमा भाटी, डॉ सीमा जैन, गौरव अग्रवाल, लोकेन्द्र जैन, डॉ आशीष खिमेसरा, सौरभ डोसी, डॉ किशोर शर्मा, प्रो एस पी पंवार, अरुण शर्मा, कमल कोठारी, राव विजयसिंह, प्रो तिवारी, राहुल सोनी, शाहिद कुरैशी, शांतिलाल मालवीय, रमा माथुर, बंटी चौहान, संजय भाटी, विश्व मोहन अग्रवाल सहित अन्य ने अतिथियों का स्वागत किया।
उपभोक्ता जनजागरण संगोष्ठी में विभिन्न वर्गों के गणमान्य प्रबुद्ध जन, महिलाओं युवाओं की बड़ी उपस्थिति रही।