Take Action Against Collector : हाई कोर्ट के मुख्य सचिव को निर्देश, नर्मदापुरम कलेक्टर सोनिया मीणा पर कार्रवाई की जाए!
Bhopal : हाजिरी माफी पर हाई कोर्ट को सीधे पत्र लिखना नर्मदापुरम कलेक्टर सोनिया मीणा पर भारी पड़ गया। कलेक्टर के रवैये पर आपत्ति लेते हुए कहा कि उनका रवैया न्यायालय की गरिमा के हनन के समान है। लिहाजा, मुख्य सचिव को निर्देश दिया जाता है कि वह इस कृत्य के लिए कलेक्टर नर्मदापुरम के विरुद्ध कार्रवाई करें। यहां तक कि कलेक्टर का पत्र लेकर जबलपुर जाकर जज को सौंपने वाले अपर कलेक्टर और तहसीलदार को भी उनकी इस कार्यवाही की सजा मिल गई। यह मामला नर्मदापुरम में जमीन से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान का है।
हाई कोर्ट ने नर्मदापुरम की कलेक्टर सोनिया मीणा के उस रवैये को गंभीरता से लिया, जिसके तहत उन्होंने हाजिरी माफी के लिए सीधे जज को पत्र लिख दिया। न्यायमूर्ति गुरुपाल सिंह अहलूवालिया की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि कलेक्टर नर्मदापुरम का सीधे कोर्ट को पत्र लिखना सही नहीं था। उनका यह रवैया कोर्ट की गरिमा के हनन जैसा है। कायदे से कलेक्टर को महाधिवक्ता के जरिए अपना पक्ष रखना चाहिए था। अतः मुख्य सचिव को निर्देश दिया जाता है कि वे इस कृत्य के लिए कलेक्टर नर्मदापुरम के विरुद्ध कार्रवाई करें और अपनी कार्रवाई के संबंध में हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को रिपोर्ट पेश करें।
अपर कलेक्टर और तहसीलदार को सजा
हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस अहलूवालिया की कोर्ट ने अपने 30 पेज के फाइनल ऑर्डर में कहा कि इस पूरे मामले को हमने गंभीरता से लिया है। उन्होंने मुख्य सचिव (सीएस) वीणा राणा को निर्देश देते हुए कहा कि एक महीने के अंदर कलेक्टर नर्मदापुरम के खिलाफ एक्शन लीजिए, हाईकोर्ट के जज को डायरेक्ट नाम से चिट्ठी लिखकर भेज दी। कोर्ट ने सीएस से 30 अगस्त तक रिपोर्ट मांगी है। ये भी कहा है कि अपर कलेक्टर और तहसीलदार को काम का जरा भी ज्ञान नहीं है, इसलिए इन्हें 6-6 महीने की ट्रेनिंग पर भेजा जाए। अपर कलेक्टर और तहसीलदार से एक साल के लिए मजिस्ट्रेट पावर भी छीन लिए जाएं।
हाईकोर्ट ने कहा कि पक्षकार अगर चाहे तो अपर कलेक्टर, तहसीलदार और कलेक्टर के खिलाफ क्रिमिनल और करप्शन का केस भी दायर कर सकते हैं। हाई कोर्ट जस्टिस ने नर्मदापुरम में जमीन से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान कलेक्टर सोनिया मीणा को हाजिर होने को कहा था। लेकिन, कलेक्टर ने खुद कोर्ट जाने की जगह अपर कलेक्टर और तहसीलदार के हाथों सीधे हाईकोर्ट जज के नाम एक चिट्ठी भेज दी थी। इसी मामले पर कलेक्टर पर कार्यवाही का पत्र लिखा गया है।