FIR Against Parents : मोबाइल और टीवी देखने से रोका तो बच्चों ने मां-बाप के खिलाफ FIR कराई, 7 साल तक सजा संभव!

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FIR Against Parents : मोबाइल और टीवी देखने से रोका तो बच्चों ने मां-बाप के खिलाफ FIR कराई, 7 साल तक सजा संभव!

मां-बाप ने हाईकोर्ट में इसके खिलाफ याचिका लगाई तो मामले को रोक लगी!

इंदौर। माता-पिता ने बच्चों को टीवी देखने से रोका और मोबाइल छीन लिया तो उन्होंने पुलिस ने केस दर्ज करवा दिया। यह शिकायत 21 साल की बेटी और 8 साल के बेटे ने की। पुलिस ने धारा 342, 294, 323, 506 और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। इस केस में लगाई गई धाराओं में आरोपी माता-पिता को 7 साल तक सजा का प्रावधान है। घटना के अनुसार, एक 21 साल की बेटी और एक 8 साल का बेटा अपने माता-पिता के खिलाफ शिकायत लेकर थाने पहुंचे, जिसके बाद पुलिस ने आईपीसी की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की। यह मामला चंदन नगर थाने का है।

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पुलिस ने इस मामले में धारा 342, 294, 323, 506 और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत केस दर्ज किया। इन धाराओं में कई धाराओं में सजा का प्रावधान है। जिसमें एक साल से सात साल तक की जेल है। इस शिकायत के बाद माता-पिता का चालान भी पेश कर दिया गया।

मामले में हाई कोर्ट ने लगाई रोक लगाई

इस मामले को माता-पिता ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने जिला कोर्ट में चल रहे ट्रायल पर अंतरिम रोक लगा दी। अधिवक्ता धर्मेंद्र चौधरी ने बताया कि याचिका में उल्लेख किया गया कि माता-पिता मोबाइल और टीवी पर नजर रखने के लिए बच्चों को रोज डांटते थे। इसके अलावा, बच्चों ने माता-पिता पर मारपीट का भी आरोप लगाया। एफआईआर के बाद, दोनों बच्चे अपनी बुआ के साथ रह रहे हैं और माता-पिता का बुआ के साथ भी विवाद चल रहा है।

लगाई गई धाराएं और सजा

● धारा 342 में किसी को बंधक बनाना। इसमें एक वर्ष तक सादे कारावास या जुर्माना या दोनों सजाओं का प्रावधान है।
● धारा 323 में किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाना है। इसमें सात साल तक के कारावास, जुर्माना या दोनों सजाओं का प्रावधान है।

इन धाराओं के तहत दंडित किए जाने की संभावना को लेकर माता-पिता ने हाई कोर्ट में आपत्ति दर्ज कराई है।