Collector’s Reality Check : कलेक्टर का स्कूलों का रियलिटी चेक 58 शिक्षकों पर भारी पड़ा, 7 का निलंबन!

बच्चों के साथ क्लास में बैठकर कलेक्टर ने बच्चों के पढ़ने और पढ़ाने का तरीका समझा!

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Collector’s Reality Check : कलेक्टर का स्कूलों का रियलिटी चेक 58 शिक्षकों पर भारी पड़ा, 7 का निलंबन!

धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट

     Dhar : कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने शुक्रवार को सरदारपुर क्षेत्र के मारोल, बांदेड़ी, केशरपुरा, बालोदा, बसाहट खोदरा, लेडगांव, टांडाखेड़ा और बड़वेली के शासकीय विद्यालयों का निरीक्षण किया। इन विद्यालयों में उपस्थिति पंजी और अवकाश आवदेन के लिए अपनाई जा रही स्वीकृति की प्रक्रिया पर नाराजगी जाहिर की। कलेक्टर की यह कार्यवाही 58 शिक्षकों पर भारी पड़ा। कमोबेश अधिकांश शालाओं के उपस्थिति रजिस्टर आगामी कार्यवाही के लिए सरदारपुर एसडीएम मेघा पंवार को सौंपे।

      शालाओं के निरीक्षण के लिए जवाबदेह अधिकारियों द्वारा लंबे समय से निरीक्षण भी किए जाने संबंधी प्रमाण निरीक्षण पंजी पर नहीं मिलने पर उन्होंने अप्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं होना चाहिए। कलेक्टर के शालाओं के निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित/कर्तव्य पालन में लापरवाही बरतने वाले सात शिक्षकों का निलंबन किया जा रहा है।

      बच्चों से मध्यान्ह भोजन उपरांत थाली धुलवाना वह भी तब, जबकि इस काम के लिए बकायदा एक काम करने वाली तैनात है। शासकीय माध्यमिक विद्यालय बालोदा के प्राचार्य पर कार्यवाही का कारण बनेगा। यहीं पर शिक्षक द्वारा प्राचार्य के अवकाश आवेदन को अपने हस्ताक्षर से एप्रूव किए जाने पर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा खासे नाराज हुए।

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       केशरपुरा के स्कूल में दर्ज सभी 22 बच्चों के कहीं और खाना खाने जाने के कारण मिले खाली क्लास रूम का भी पंचनामा बनवाया गया। यहां पदस्थ दोनों शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने शिक्षकों से इस बात की जानकारी ली कि आज क्या पढ़ाया। उसके बाद वे स्वयं भी कक्षा में बैठे और शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके देखें। बच्चों से इस बात की जानकारी भी ली कि आज क्या सीखा। उन्होंने शासकीय नवीन माध्यमिक विद्यालय बड़वेली के छात्र रवि से गणित के प्रश्न ब्लैक बोर्ड पर हल करवाएं। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर मिश्रा ने ग्रामीणों से शालाओं में शिक्षकों की नियमित उपस्थिति के बारे में पूछा। वहीं बच्चों से मध्यान्ह भोजन मिलने और भोजन के स्वाद के बारे में पूछताछ की।

       कलेक्टर ग्राम टांडाखेड़ी के निजी स्कूल भी पहुंचे। यहां उन्होंने शाला के मान्यता प्राप्त होने के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने शिक्षकों के व्हाट्सएप पर अवकाश आवेदन देने अथवा अवकाश आवेदन स्वीकृत कराए बिना रजिस्टर में रखकर चले जाने की प्रवृत्ति के लिए भी नियंत्रणकर्ता अधिकारी से जवाब तलब करने के निर्देश दिए।