CM के शिर्डी से लौटने के बाद तेज होगी आत्म निर्भर मध्यप्रदेश की वर्किंग
भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शिर्डी से लौटने के बाद एक बार फिर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए तैयार योजनाओं का खाका जमीन पर उतारने के लिए जुटने वाले हैं। कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए सरकार इस तरह की प्लानिंग में जुटी है कि अगर संक्रमण गंभीर रूप ले तो भी सरकार की विकास और योजनाओं की प्रगति की रफ्तार धीमी न पड़े।
खासतौर पर सीएम का फोकस इस बात पर रहेगा कि पिछले साल मार्च में आई दूसरी लहर के जैसे परेशानी वाले हालात न बनें। इसलिए सीएम चौहान क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी को अभी से एक्टिव करने में जुटने वाले हैं। सीएम सचिवालय द्वारा तय कार्यक्रम के अनुसार सीएम दो जनवरी को प्रदेश के सभी जिलों की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों के साथ बैठक करेंगे।
पुलिस कमिश्नर सिस्टम, कानून व्यवस्था और राजस्व पर फोकस-
सीएम का सर्वाधिक फोकस भोपाल और इंदौर में शुरू की गई पुलिस कमिश्नर प्रणाली के साथ जिलों कानून व्यवस्था पर है। इसके साथ ही राजस्व संग्रहण में भी किसी तरह की कमी नहीं होने देना चाहते ताकि मार्च में आने वाले बजट के लिए बेहतर प्लानिंग की जा सके।
इसी के चलते सीएम द्वारा ली जाने वाली बैठकों के क्रम में तीन जनवरी को राजस्व संग्रहण, कानून व्यवस्था से जुड़े विभागों की समीक्षा होगी जिसमें वित्त, गृह, जेल, वाणिज्यिक कर, राजस्व,सामान्य प्रशासन, खेल एवं युवक कल्याण, परिवहन, वन और श्रम विभागों की समीक्षा की जाएगी। चार जनवरी को उद्योग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, विधि एवं विधायी, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी, सहकारिता, कृषि, मछुआ कल्याण, पशुपालन, ऊर्जा और नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के साथ सीएम न सिर्फ नवाचार पर संवाद करेंगे बल्कि विभागों की आगामी वित्त वर्ष की प्लानिंग पर भी मंथन करेंगे।
ग्रामीण व शहरी विकास के साथ अर्थव्यवस्था का ध्यान-
मुख्यमंत्री चौहान पांच जनवरी को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, नगरीय विकास एवं आवास, सामाजिक न्याय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, लोक निर्माण, स्कूल शिक्षा, विमानन, भोपाल गैस त्रासदी, राहत एवं पुनर्वास, पर्यटन और संस्कृति पर चर्चा करेंगे।
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इसके बाद छह जनवरी को पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जनजातीय कार्य, अनुसूचित जाति कल्याण, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, जल संसाधन और नर्मदा घाटी विकास तथा सात जनवरी को पीएचई, उच्च शिक्षा, लोक सेवा प्रबंधन, जनसंपर्क, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, महिला एवं बाल विकास, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, खनिज साधन, पर्यावरण और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन की समीक्षा बैठकें लेंगे।