भारत में प्रत्येक 11 लोगों में से 1 मधुमेह से पीड़ित, डायबिटीज मरीजों की संख्या बढ़ना चिंताजनक-डॉ. आस्था जैन!
Ratlam : रोटरी क्लब रतलाम द्वारा आयोजित सेमिनार में डायबिटीज प्रिवेंशन और स्लिप साइंस पर व्याख्यान देने अमेरिका से रतलाम पहुंची डॉ आस्था जैन ने डायबिटीज प्रिवेंशन एवं स्लीप साइंस तथा अन्य कई सवालों का जवाब देकर सभागार में उपस्थित लोगों की भ्रांतियों को दूर किया।
उन्होंने बताया कि आंकड़ो के अनुसार 2023 तक भारत में प्रत्येक 11 वयस्कों में से लगभग 1 मधुमेह से पीड़ित है। मधुमेह से पीड़ित लगभग 2 में से 1 वयस्क (44%) का निदान नहीं हो पाता। 54 करोड़ वयस्कों में टाइप 2 मधुमेह विकसित होने का खतरा बढ़ गया है।
शोध से पता चला हैं कि केवल 5-7% शरीर का वजन कम करने से मधुमेह का खतरा 58% तक कम हो जाता हैं।
टाइप 2 मधुमेह तेजी से जीवनशैली से जुड़ी बीमारी के रूप में पहचाना जा रहा है। यह जीवनशैली विकल्पों और पर्यावरणीय कारकों जैसे हमारी खराब जीवन शैली, असंतुलित आहार, तनाव और चिंता, मोटापा, धूम्रपान आदि से जुड़ा हैं।
जिन लोगों को पहले से ही प्री-डायबिटीज या टाइप 2 डायबिटीज का पता चल चुका है, उनके लिए जीवनशैली में बदलाव इस बीमारी की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण हैं।
*मधुमेह को कंट्रोल करने के लिए क्या करें:*
-व्यायाम-सीडीसी (सेंटर फॉर डिसीस कंट्रोल, यूएसए) दिशानिर्देशों के अनुसार, सप्ताह में कम से कम 150 मिनट तेज चलना, तैराकी, योग, सीढ़ियां चढ़ना जैसे मध्यम व्यायाम करें।मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम जैसे पुश अप्स, पुल अप, लंजेस, स्क्वैट्स सप्ताह में कम से कम 2 बार करें।
– संतुलित आहार- खाद्य पदार्थों को समझदारी से मिलाएं: मीठे खाद्य पदार्थों को प्रोटीन, वसा या फाइबर के साथ मिलाने से चीनी के अवशोषण को धीमा करने में मदद मिल सकती है।
– अपने खाने की मात्रा नियंत्रित करे
– फलों के रस की अपेक्षा फल (संयमित मात्रा में) खाए।
– अच्छी नींद लें.
– नियमित स्वास्थ्य जांच करवाए, खासकर यदि आप निम्न श्रेणी में आते है-
– अधिक वजन (बीएमआई> 25), आयु 45 वर्ष से अधिक, पारिवारिक इतिहास, गर्भ कालीन मधुमेह का इतिहास!
*जो नहीं करना है!*
– केक, पेस्ट्री, चॉकलेट, सोडा, फलों के जूस (विशेष रूप से स्टोर से खरीदे गए) जैसे मीठे खाद्य पदार्थ खाने से बचें।
– मैदे से बने भोजन से बचे-सफेद ब्रेड, पास्ता, तला हुआ भोजन, अत्याधिक नमकीन भोजन जैसे चिप्स, नमकीन स्नैक्स, देर रात का खाना खाने से बचें, धूम्रपान छोड़े
*अच्छी नींद के लिए टिप्स!*
• अपने शयनकक्ष को ठंडा, अंधेरा और शांत रखें। प्रकाश को रोकने के लिए गहरे रंग के पर्दे या आई मास्क का प्रयोग करें।
• उचित नींद के लिए आरामदायक गद्दे और तकिए चुनें। हर व्यक्ति की ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, अपनी ज़रूरतों के अनुरूप सही गद्दे का चयन करें।
• नीली रोशनी (ब्लू लाईट )के संपर्क से बचने के लिए अपने सोने के समय से कम से कम 1 घंटा पहले टीवी, कंप्यूटर, मोबाइल फोन का उपयोग करने से बचें। मेलाटोनिन उत्पादन पर नीली रोशनी के प्रभाव को कम करने के लिए फोन और कंप्यूटर में नीली रोशनी फिल्टर का उपयोग करें।
• सोने और जागने के समय के साथ सोने की दिनचर्या के लिए एक निर्धारित कार्यक्रम बनाए रखने का प्रयास करें। संगीत आपके शरीर की आंतरिक घड़ी को विनियमित करने में मदद करती है।
• सोने से पहले दिमाग़ को शांत करने वाली गतिविधियों में संलग्न रहें, जैसे किताब पड़ना, गुनगुने पानी से स्नान करना ।
• सोने से ठीक पहले गहन व्यायाम जैसी गतिविधियों से बचें। सोने से पहले टीवी पर हिंसक फिल्में, समाचार देखने से बचें। आदि जानकारी डॉ आस्था द्वारा दी गई जिससे कि मधुमेह से बचा जा सकता हैं एवं अच्छी नींद से बीमारियों से बचा एवं बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है l
कार्यक्रम में रोटेरियन अशोक तांतेड, डॉ निलेश वाधवानी, डॉ सुनीता वाधवानी, आरसी अय्यर, सुशील छाजेड, राजेंद्र चौधरी, गुस्ताद अंकलेसरिया, डॉ अभी मेहरा, डॉ अजय जैन, डॉ रितेश बजाज, संस्कार कोठारी, रमेश पीपाड़ा, भुमिका फाटक, मेघना झालानी, गीता पोरवाल, शोभा तांतेड, राकेश अग्रवाल, जयराज पुरोहित, निलेश झालानी, यशोवर्धन कोठारी एवं रोटरी क्लब रतलाम के सभी गणमान्य सदस्यगण अपने परिवार के साथ उपस्थित रहें।
बता दें कि डॉ आस्था जैन कुछ समय के लिए रतलाम आई हुई है एवं अपने पिता डॉ अजय जैन के शास्त्री नगर क्लीनिक पर मरीजों को निशुल्क परामर्श भी दें रहीं हैं। संचालन प्रकाश लखानी ने एवं आभार सोनल लखानी ने माना।
स्वागत भाषण संस्था अध्यक्ष दीप्ति कोठारी ने दिया!