Transfer Controversy : विदिशा कलेक्टर के तबादले पर राजनीति गरमाई, ओवैसी ने भी सवाल उठाया!
Bhopal : विदिशा के विजय सूर्य मंदिर (बीजा मंडल) के अंदर नागपंचमी के दिन पूजा की परमिशन देने को लेकर शुरु हुए विवाद के बाद कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य के तबादले से राजनीति गरमा गई। इस बीच एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कलेक्टर के तबादले को लेकर आपत्ति उठाई। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में संघ के संगठनों ने मांग की कि उन्हें मस्जिद में नमाज पढ़ने की अनुमति दी जानी चाहिए।
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट की, जिसमें उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में संघ के संगठनों ने कहा कि उन्हें मस्जिद में नमाज़ पढ़ने की परमिशन दी चाहिए। इस दौरान जिला कलेक्टर ने एएसआई गजट में संरचना को मस्जिद बताया और अनुमति देने से इनकार कर दिया। ओवैसी ने कहा कि कलेक्टर का तबादला इसलिए किया गया क्योंकि, उन्होंने कानून का पालन किया. वक्फ संशोधन विधेयक का यही खतरा है।
तबादले पर ओवैसी ने उठाए सवाल
हैदराबाद सीट से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश सरकार कलेक्टर को बहुत ज़्यादा अधिकार देना चाहती है। अगर कोई कहता है कि मस्जिद मस्जिद नहीं है, तो कलेक्टर को भीड़ की मांग माननी होगी या फिर उसका तबादला कर दिया जाएगा। कोई भी सबूत पर्याप्त नहीं होगा।
ये विवाद क्या है जानिए
पिछले दिनों विदिशा के कई हिंदू संगठनों ने मांग की थी कि उन्हें बीजा मंडल में पूजा करने की अनुमति दी जाए। हिंदू संगठन अपनी इस मांग को लेकर विदिशा कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य के पास पहुंचे। लेकिन, तब तत्कालीन विदिशा कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने एएसआई के एक नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए विदिशा के बीजा मंडल मंदिर को मस्जिद बताया था। कलेक्टर के इस बयान के बाद काफी बवाल मचा।
In Madhya Pradesh, Sangh outfits demanded that they should be allowed to pray in a mosque. The District Collector noted that the structure was a mosque in ASI gazette & refused permission. The collector was transferred because he followed the law. This is the danger of the Wakf… pic.twitter.com/VTjRATddlI
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 13, 2024
हिंदू संगठनों ने कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य से बीजा मंडल को 9 अगस्त को नागपंचमी पर खोलने की मांग की थी। उनकी मांग थी कि वह वहां पूजा करेंगे। कलेक्टर वैद्य ने उस समय बताया था कि एएसआई इस ढांचे की संरक्षण है, इसलिए उन्होंने यह मामला एएसआई को भेजा था।