Kolkata Doctor Case : सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के डॉक्टर हत्याकांड पर स्वतः संज्ञान लिया, 20 को सुनवाई!
New Delhi : पश्चिम बंगाल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और फिर हत्या के विरोध में देश भर के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों के छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में जस्टिस जेबी परादीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ मंगलवार (20 अगस्त) को इस मामले की सुनवाई करेगी।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट होकर सीबीआई को मामले की जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने मृताक के माता-पिता की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया था। कोलकाता पुलिस ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पास रविवार 18 अगस्त से 24 अगस्त तक निषेधाज्ञा लागू की है। जिसके तहत 5 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने और सभा करने पर प्रतिबंध होगा। आदेश में कहा गया है कि कोलकाता पुलिस ने अस्पताल के आसपास भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा-163(2) लागू कर दी है।
पुलिस ने टीएमसी सांसद को बुलाया
इस मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने मांग की थी कि सीबीआई कोलकाता के पुलिस कमिश्नर और आरजी मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल से पूछताछ करे। उन्होंने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की गिरफ्तारी की भी मांग की, ताकि इस पूरे मामले की जांच में उनकी भूमिका सामने आ सके। इसके बाद पुलिस ने रविवार को टीएमसी सांसद को तलब किया। ओ
स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव पड़ा
कोलकाता रेप-मर्डर केस की घटना के विरोध में प्रदर्शन की वजह से पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित रहीं। केंद्रीय जांच एजेंसी के अलग-अलग दल अपराध स्थल आरजी कर अस्पताल और साल्ट लेक स्थित कोलकाता पुलिस सशस्त्र बल की चौथी बटालियन के बैरक में भी पहुंचीं, जहां गिरफ्तार मुख्य आरोपी संजय रॉय रह रहा था।
सीएम ममता पर उठाए सवाल
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रेप-हत्या मामले में मृत डॉक्टर के पिता ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि विभाग या कॉलेज से किसी ने भी हमारा सहयोग नहीं किया। पूरा विभाग इसमें शामिल है। श्मशान घाट पर तीन शव थे, लेकिन हमारी बेटी का शव पहले जला दिया गया। मुख्यमंत्री न्याय दिलाने की बात कर रही हैं, लेकिन, फिर न्याय मांगने वाले आम लोगों को जेल में डालने की कोशिश की जा रही हैं।