जिस EE को बनाया OSD उसने अध्यक्ष,ACS, PS को बना दिया कोर्ट में पार्टी,विभाग ने थमाया कारण बताओ नोटिस
भोपाल:जलसंसाधन विभाग ने हाईकोर्ट के एक प्रकरण में इसे देखने और शासन के पक्ष में निर्णय लाने के लिए मदद करने जिस कार्यपालन यंत्री को प्रभारी अधिकारी तैनात किया उसने मामले को और अधिक उलझा दिया है। इस पूरे मामले में उसने विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और संचालक को ही पार्टी बना दिया। अब विभाग ने इसे अनुचित मानते हुए विभाग को कारण बताओ नोटिस थमाया है।
दरअसल उच्च न्यायालय इंदौर में दायर रिट याचिका नानूराम कुशवाह में पारित निर्णय के विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन ने रिट अपील दायर करने की अनुमति देते हुए विभाग ने खरगौन में जलसंसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री पीके ब्राम्हणे को प्रभारी अधिकारी के रुप में नियुक्त किया था। ब्राम्हणे ने रिट तो लगाई लेकिन अपीलकर्ता प्रतिवादी दोनो के मामले में मध्यप्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव नर्मदा विकास विभाग एवं प्रतिवादी दो में प्रमुख सचिव जलसंसाधन एवं प्रतिवादी तीन में अध्यक्ष व संचालक प्रशासन नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण को पार्टी बना दिया। जो कि अनुचित है।
विभाग ने प्रभारी अधिकारी के रुप में इसीलिए तैनात किया था कि प्रकरण का गहन अध्ययन कर उसकी पूरी जानकारी के साथ वे स्वयं शासन का पूरा पक्ष कोर्ट में रखे लेकिन उन्होंने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को ही इस प्रकरण में अपीलकर्ता व प्रतिवादी के रुप में पेश कर दिया। इसके चलते अब इन अधिकारियों को मामले में कोर्ट के सामने पेश होना पड़ेगा। विभाग ने इसे ब्राम्हणे की लापरवाही और पदीय दायित्वों के निर्वहन में उदासीनता माना है। विभाग ने उन्हें नोटिस देते हुए कहा है कि उन्होंने विभाग के कामों में गंभीरता की कमी का परिचय दिया है। इस तरह पद के दायित्वो को गंभीरता से नहीं लेकर सिविल सेवा नियमों का उल्लंघन किया है।
जलसंसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता शिरीष मिश्रा ने उनसे तीन दिन के भीतर इस पर जवाब मांगा गया है वर्ना उनके विरुद्ध एक पक्षीय कार्यवाही की जाएगी।