प्रथम किश्त –
Kolkata Doctor Rape and Murder Case : देश की 100 वूमन एचीवर्स के “सवाल स्त्री अस्मिता के”
भोपाल: कोलकाता की लेडी ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और क़त्ल के खिलाफ और इन्साफ के लिए भारत की सशक्त महिलाओं के समूह 100 वूमन एचीवर्स और प्रतिष्ठा ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में “सवाल स्त्री अस्मिता के” विषय पर ऑनलाइन परिसंवाद आयोजित किया गया।
इस आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों की कोई 25 विषय विशेषज्ञ महिलाओं ने जुड़ कर अपनी बात रखने के साथ ही इस घटना की भर्त्सना की और अपना आक्रोश व्यक्त किया.आइये प्रथम किश्त में पढ़िए 100 वूमन एचीवर्स,दो विषय विशेषज्ञों के विचार ——–
1.स्त्रियों की सुरक्षा के लिए नए कठोर क़ानून लागू किये जाने के साथ ही बलात्कारी को तुरंत सजा का प्रावधान हो
शशि पुरवार
100 वूमन एचीवर्स
लड़कियों को सेल्फ़ डिफ़ेंस सीखना बहुत ज़रूरी लेकिन स्त्रियों पर हो रहे अत्याचार और बलात्कार के लिए कड़े नियम व कानूनों की बहुत ज़रूरत है. जिसने आरोपी को तुरंत सजा दी जाए ।पुरुष अहम की पुरानी मानसिकता की जड़ें आज भी उतनी ही मज़बूत है जिससे बदलना बेहद ज़रूरी है।पुराने समय में स्त्रियों को दबाया गया है . पुरुष अहम की यह जड़े आज भी कहीं न कहीं मानसिक विकृति का रूप में मौजूद है। जो उन्हें जाने अनजाने मिली है । उसे बदलना ज़रूरी है ।
सोसाइटी आज भी लड़कियों की आज़ादी को स्वीकार नहीं कर पा रही हैं यही मानसिक बलात्कार के रूप में बाहर आ रही है. छोटी छोटी सी लड़कियाँ बलात्कार की शिकार हो रही है ।स्त्रियों सशक्त हो रही है लेकिन लड़कों को आज उचित शिक्षा व विचारों को बदलने की ज़रूरत हैलड़कियों के साथ साथ लड़कों को भी सही शिक्षा और संस्कार देना बहुत ज़रूरी है ।बेटियाँ तभी सुरक्षित रहेंगी जब लड़कों के मन में सम्मान का भाव आएगा ।मेरा मानना है कि यह क्राइम तभी ख़त्म होगा जब बलात्कारी को तुरंत सजा दी जाए
हमेशा लड़कियों को शिक्षा दी जाती है कि तुम अपनी सुरक्षा करो, आत्मनिर्भर बनो लेकिन क्या कभी लड़कों को सिखाते हैं लड़कियों की इज़्ज़त करो उन्हें ग़लत नज़र से मत देखो ।आजकल ott प्लैटफ़ॉर्म netflix प्राइम पर जिस तरह की चीज़ें दिखाई जा रही है उसमें भी स्त्रियों को एक उपभोक्ता के रूप में दिखाया गया है। इतना खुलापन है कि आप परिवार के साथ बैठकर नही देख सकतें हैं.
फ़िल्में और इस तरह के कांटेंट कहीं न कहीं हमारे समाज को दिशा भ्रमित करने में मुख्य भूमिका निभा रहा है. एक ख़बर के अनुसार छोटे बच्चों ने ही यह सब देखकर क्राइम कर दिया।बिगड़ते हुए हालातों में क़ानून का साथ और तुरंत सजा का प्रावधान होना चाहिए । आज भी कोर्ट में पोकसो के बड़ते केस चिंताजनक है
इसे जड़ से मिटाने के लिए सबको साथ मिलकर समाज को बदलना होगा । क्राइम बढ़ाने व दिखाने वाले सीन फ़िल्मों पर बैन लगाना ज़रूरी है ।निगेटिविटी को हटाने के लिए समाज के नेगेटिव विचारों को ख़त्म करना बेहद ज़रूरी है.
स्वयं को इतना सशक्त बनाओ बेटियों कि कोई ग़लत नज़र उठाने की हिम्मत न कर सके ।
शशि पुरवार
लेखिका, ब्लागर, संपादक , कहानीकार ,गीतकार
महिला बाल विकास मंत्रालय के लिए – बेटी बचाओ व बेटी पढ़ाओ कैंपियन के साथ नारीसशक्तिकरण में जुटी हैं. . ***********************************
2. अब समय आ गया है कि दोषियों को जलाया जाए, मोमबत्तियों को नहीं
यह कोई पहली घटना नहीं हैं ,याद करिए इन दर्दनाक भयावह घटनाओं को भी
डॉ. राधिके खन्ना
100 वूमन एचीवर्स
2012 में उन्होंने सिर्फ़ उसका बलात्कार नहीं किया, बल्कि उसकी आंत से खेला। यह दिल्ली में हुआ और उन्होंने उसका नाम निर्भया रखा।
2017 में उन्होंने सिर्फ़ उसका बलात्कार नहीं किया, बल्कि उसे पेड़ पर लटका दिया। यह उन्नाव में हुआ और उन्होंने उसका नाम निर्भया 2 रखा।
2019 में उन्होंने सिर्फ़ उसका बलात्कार नहीं किया, बल्कि उसे ज़िंदा जला दिया। यह हैदराबाद में हुआ और उन्होंने उसका नाम निर्भया 3 रखा।😢😢
सालों से लेकर 2019 तक, हम सिर्फ़ मोमबत्तियाँ जला रहे हैं, अपनी डीपी काली कर रहे हैं, कुछ फेसबुक पेजों पर टिप्पणी कर रहे हैं और एक हफ़्ते में सब भूल जाते हैं। दिन बीतते हैं और हमारे पास निर्भया 4, 5, 6..
2024 में…..उन्होंने एक रेजिडेंट डॉक्टर का बेरहमी से बलात्कार किया और उसे मार डाला …..
अब समय आ गया है कि दोषियों को जलाया जाए, मोमबत्तियों को नहीं। सरकार के लिए बलात्कारियों के लिए मृत्युदंड का विधेयक पारित करने का समय आ गया है। जब रातों-रात मुद्रा बदली जा सकती है, जब राजनेताओं के वेतन बढ़ाने के लिए विशेष सत्र बुलाया जा सकता है, जब संसद विश्वास मत के लिए पूरी रात खुली रह सकती है, तो आश्चर्य होता है कि बलात्कार के खिलाफ सख्त कानून पारित करने में देरी क्यों हो रही है।
अधिकतम लोगों तक पहुँचाएँ …और इसे संसद तक पहुँचाएँ। अब समय आ गया है कि संबंधित अधिकारियों द्वारा यह कार्रवाई की जाए
डॉ. राधिके खन्ना
अग्रणी सामाजिक उद्यमी और शिक्षाविद,
डॉ. खन्ना ने “एनर्जाइज़िंग लाइव्स” जैसे अभिनव कार्यक्रम बनाए, जिससे विकलांग महिलाओं को आजीविका के अवसरों के माध्यम से समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके।
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