द्वितीय किस्त
Kolkata Doctor Rape and Murder Case : देश की 100 वूमन एचीवर्स के “सवाल स्त्री अस्मिता के”
भोपाल: कोलकाता की लेडी ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और क़त्ल के खिलाफ और इन्साफ के लिए भारत की सशक्त महिलाओं के समूह 100 वूमन एचीवर्स और प्रतिष्ठा ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में “सवाल स्त्री अस्मिता के” विषय पर ऑनलाइन परिसंवाद आयोजित किया गया।
इस आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों की कोई 25 विषय विशेषज्ञ महिलाओं ने जुड़ कर अपनी बात रखने के साथ ही इस घटना की भर्त्सना की और अपना आक्रोश व्यक्त किया.आइये द्वितीय किस्त में पढ़िए 100 वूमन एचीवर्स,दो विषय विशेषज्ञों के विचार ——–
1.आवश्यकता है वर्तमान समय में स्त्रियां अपना एक सशक्त ओरा बनाकर अपनी सुरक्षा के लिए आत्म निर्भर बनें
डॉ.हेतल आचार्य,100 वूमन एचीवर्स
आत्म निर्भर यानि हमारे आसपास human electromagnetic field रहता है जिसे AURA – आभा मंडल कहते हैं। आजकल इसे मशीनों से जांचा जा सकता है। जिसका strong positive AURA है उसके साथ कोई नकारात्मक घटना बन ही नहीं सकती । और औरा योग से ही बन सकता है, योगासन से नही । योग का प्रमुख उद्दैश है चित्तवृत्ती निरोधः ।
यानि कि चित्त बाहर न हों, ऐसी अवस्था जिसमें कोई विचार न हों । योगासन से विचार बंद नहीं होते हैं। एक सशक्त ओरा योग यानि कि निर्विचार स्थिति के बाद अपनी आत्मा का परमात्मा (cosmic energy) के साथ कनेक्शन होने पर ही बन सकता है। जो केवल योगासन से नहीं हो सकता।
योगासन अष्टांग योग की आठ पदानों में से एक पादान है। यह ध्यानयोग प्राचीन हिमालयीन ध्यानयोग है जिससे समग्र विश्व में नि:शुल्क लगभग ७२ देशों में लोग सशक्त औरा और सुरक्षा का लाभ ले रहे हैं, कई लोगों के अनुभव एवं संशोधन है । स्त्रियां चाहें नन्हीं बच्चियों, युवती,गृहिणी, वर्किंग प्रोफेशनल्स, उम्रदराज महिलाएं, कोई भी इस टेक्निक से स्ट्रॉन्ग पॉजिटिव ओरा बनाकर अपने क्षेत्र में सुरक्षित कार्य कर सकता है। इसके proof भी इसके साथ जोड़ रही हूं, जो तीन फोटोग्राफ्स है AURA के,वो एक ही व्यक्ति के तीन फोटोग्राफ्स हैं जो UK में लंदन के एक AURA studio में लिए गए हैं। जिसमें प्रथम और द्वितीय ओरा में अच्छा सुनहरा ओरा दिख रहा है जो एक सशक्त ओरा की पहचान है जिससे सुरक्षा स्वत: ही मिल सकती है।
तीसरा लाइट purple रंग का आभामंडल पहले के दो फोटोस के कुछ साल बाद २०१६ में वही व्यक्ति के ओरा का लिया गया फोटो है। तीसरा फोटो पहले से और भी highest level की स्ट्रॉन्ग पॉजिटिव ओरा दर्शाता है। हमारी प्राचीन भारतीय परंपरा में सर्व विदित है कि माता सीता को लंका में रखने के बावजूद रावण उनको स्पर्श तक नहीं कर पाया था उसका कारण माता सीता का सशक्त ओरा था जिससे उनको स्वत: सुरक्षा प्राप्त हुई थीं ऐसा लगता है। ऐसे सशक्त ओरा के कई उदाहरण हमारी प्राचीन सनातन संस्कृति में है। आवश्यकता है वर्तमान समय में स्त्रियां अपना एक सशक्त ओरा बनाकर अपनी सुरक्षा के लिए आत्म निर्भर बनें। आपको इस विषय में कोई प्रश्न हो या अतिरिक्त जानकारी चाहिए तो +91 7878997899 पे संपर्क या वॉट्स ऐप मेसेज कर सकते हैं।
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डॉ.हेतल आचार्य
M.D. (आयुर्वेद-पंचकर्म)
*UNITED NATIONS में आमंत्रित
*महामहिम राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित
*#१०० वुमन एचीवर
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2. पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों की निगरानी और प्रशिक्षण में सुधार करना चाहिए
अनुराधा ठाकूर,100 वूमन एचीवर्स
9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ऑन-ड्यूटी डॉक्टर के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या के खिलाफ तीव्र निषेध !
इसके बाद महाराष्ट्र के बदलापुर की घिनौनी घटना घटी.
महिलाओं का बलात्कार और हत्या उनके पेशे, उम्र, क्षेत्र, धर्म या जाति की परवाह किए बिना एक व्यापक मुद्दा है। ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं. हमें इस बात की चिंता है कि इससे पहले कि पूरी व्यवस्था सही मायने में इन मुद्दों पर ध्यान दे, कितनी और महिलाओं को अपनी जान गंवानी पड़ेगी।
महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और हत्या जैसी घटनाओं को रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण उपाय किए जा सकते हैं:
1. *कानूनी सख्ती*: बलात्कार और हत्या के मामलों में त्वरित और कड़ी सजा का प्रावधान करना आवश्यक है। कानून को प्रभावी ढंग से लागू करना और न्यायिक प्रणाली को सुसंगठित करना चाहिए।
2. *सुरक्षा तंत्र*: सार्वजनिक स्थानों, जैसे कि बस स्टॉप, पार्क, और अन्य व्यस्त क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाना और सीसीटीवी कैमरों की संख्या में वृद्धि करना चाहिए।
3. *शिक्षा और जागरूकता*: समाज में बलात्कार और हिंसा के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए। यह मुख्यतः युवा पीढ़ी में सम्मान और समानता की भावना को बढ़ावा देना चाहिए।
4. *समर्थन सेवाएँ*: बलात्कार पीड़ितों के लिए मनोवैज्ञानिक और कानूनी सहायता की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि वे न्याय पाने और पुनः समाज में एकीकृत होने में सक्षम हों।
5. *प्रवर्तन और निगरानी*: पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों की निगरानी और प्रशिक्षण में सुधार करना चाहिए, ताकि वे प्रभावी ढंग से अपराधों को रोक सकें और उनकी जाँच कर सकें।
6. *समाज में बदलाव*: महिलाओं के प्रति सम्मान और समानता की भावना को समाज में गहराई से प्रवाहित करना महत्वपूर्ण है। सख्त सामाजिक मानकों और पारंपरिक सोच में बदलाव लाना आवश्यक है।
इन उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने से हम महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को कम करने में सफल हो सकते हैं और समाज में एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित कर सकते हैं।
अनुराधा ठाकूर ,
चित्रकार ,
अहमदनगर, महाराष्ट्र
Kolkata Doctor Rape and Murder Case : देश की 100 वूमन एचीवर्स के “सवाल स्त्री अस्मिता के”