If Bengal Burns, Delhi Will Shake : ममता बैनर्जी ने कहा ‘बंगाल जला तो दिल्ली की कुर्सी हिल जाएगी’ इस बयान के बाद सियासी बवाल!

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If Bengal Burns, Delhi Will Shake : ममता बैनर्जी ने कहा ‘बंगाल जला तो दिल्ली की कुर्सी हिल जाएगी’ इस बयान के बाद सियासी बवाल!

बीजेपी नेता सुकांत मजूमदार ने सीएम के इस बयान को असंवैधानिक बताया!

Kolkata : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप-हत्या मामले को लेकर पूरा देश गुस्से में है। बीजेपी इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग कर रही है। इसी बीच ममता बनर्जी के एक बयान ने देश की राजनीति का माहौल बदल दिया। कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले में भाजपा के बंगाल बंद के दौरान हुए प्रदर्शन और आगजनी पर ममता बनर्जी ने बहुत बड़ा आरोप देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाया।

ममता बैनर्जी ने कहा कि कुछ लोगों को लग रहा है कि ये बांग्लादेश है … मुझे बांग्लादेश पसंद है, वहां के लोग हमारी तरह बात करते हैं। बांग्लादेश और बंगाल की संस्कृति एक है। लेकिन, ये याद रखिएगा बांग्लादेश एक अलग देश है और भारत एक अलग देश। मोदी बाबू आप अपनी पार्टी को कहकर जो आग लगवा रहे हैं, याद रखिए अगर बंगाल में आग लगाएंगे तो असम भी चुप नहीं बैठेगा। पूर्वोत्तर राज्य भी नहीं थमेंगे … न उत्तर प्रदेश, न बिहार और न ओडिशा थमेगा। दिल्ली भी शांत नहीं बैठेगा … आपकी कुर्सी हिला कर रख देंगे।

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस पर आयोजित एक सभा में यह बात कही। इसके बाद बंगाल में राजनीति का माहौल गरमा गया। बीजेपी ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह ‘बदला नहीं, केवल बदलाव’ का अपना पुराना नारा छोड़कर विपक्षी दलों को धमकाने का काम कर रही हैं। बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष एवं केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने बनर्जी की टिप्पणी को धमकी भरा बताते हुए इसकी निंदा की और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर कहा कि बनर्जी अब इस तरह के महत्वपूर्ण पद पर रहने की हकदार नहीं हैं।

कोई सीएम ऐसा कैसे बोल सकती है

बीजेपी नेता सुकांत मजूमदार ने पत्रकारों से कहा कि एक मुख्यमंत्री संवैधानिक रूप से पक्षपातपूर्ण रवैये से ऊपर उठने के लिए बाध्य होता है। उनके (बनर्जी) द्वारा इस तरह के डराने वाले बयान देना अकल्पनीय है जो लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा करता है। उन्होंने कहा कि बनर्जी की टिप्पणी तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों को कानून अपने हाथ में लेने और विपक्षी सदस्यों पर हमला करने के लिए उकसा सकती है और इससे लोकतांत्रिक असहमति को दबाया जा सकता है।

यह बयान गणतंत्र की संघीय भावना के विपरीत

उन्होंने बनर्जी के उस बयान की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि बंगाल में आग लगी तो पड़ोसी राज्य जैसे झारखंड, ओडिशा, असम और यहां तक ​​कि दूर स्थित दिल्ली भी प्रभावित होंगे। मजूमदार ने इसे गणतंत्र की संघीय भावना के विपरीत बताया।

उन्होंने यह भी कहा कि एक निर्वाचित मुख्यमंत्री के लिए ऐसी टिप्पणी करना ठीक नहीं है। वह ऐसी बातें कैसे कह सकती हैं? उन्होंने आरजी कर अस्पताल के चिकित्सकों के आंदोलन के बारे में उनकी टिप्पणियों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि अदालत ने पहले ही जूनियर चिकित्सकों के लोकतांत्रिक अधिकारों को बरकरार रखा है। जब तक न्याय नहीं मिल जाता, मुख्यमंत्री उन्हें चुप रहने के लिए मजबूर नहीं कर सकतीं।