Shah Faesal & Abhishek Singh: क्या IAS डॉ. शाह फैसल जितने भाग्यशाली होंगे IAS अभिषेक सिंह?
सुरेश तिवारी की खास रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली और यूपी के प्रशासनिक गलियारों में यह चर्चा आम हैं कि क्या IAS डॉ. शाह फैसल जितने भाग्यशाली होंगे IAS अभिषेक सिंह?
दरअसल 2010 बैच के IAS अधिकारी डॉ. शाह फैसल और 2011 बैच के अधिकारी अभिषेक सिंह के मामले में काफ़ी समानता है। फर्क इतना है कि राजनीतिक पार्टी बनाने के बाद भी फैजल की घर वापसी हो गई थी लेकिन अभिषेक के मामले ऐसा नहीं हो पा रहा है क्योंकि राज्य सरकार ने अड़ंगा लगा दिया है।
हर अधिकारी डॉ. शाह फैसल जितना भाग्यशाली और स्पष्टवादी नहीं होता, जिन्होंने सरकारी पाले में लौटने से पहले एक बार ‘परिवर्तन की राजनीति’ की शुरुआत की थी। डॉ. शाह ने वीआरएस लिया और एक राजनीतिक पार्टी बनाई और दो साल बाद उन्होंने राजनीति छोड़ दी और सेवा में वापस आ गए।
एक अन्य मामले में तेजतर्रार और मुखर IAS अधिकारी अभिषेक सिंह, जिन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वीआरएस लेकर राजनीति में कदम रखा था, को इस्तीफा स्वीकार होने के बाद सेवा में वापस आना मुश्किल लग रहा है।
मॉडल और फिल्म अभिनेता अभिषेक सिंह ने अब केंद्र से सेवा में वापस आने का अनुरोध किया है, लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें वापस न लेने की सिफारिश की है। अंतिम निर्णय केंद्र सरकार को लेना है।
सूत्रों ने बताया कि अभिषेक सिंह की राजनीतिक सक्रियता के कारण भारत सरकार भी उनके नाम पर विचार करने को तैयार नहीं है।
सिंह ने अक्टूबर 2023 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने जौनपुर से भाजपा से लोकसभा टिकट हासिल करने के लिए बहुत प्रयास किए थे, लेकिन उनके प्रयास सफल नहीं हुए। जाति जनगणना और आरक्षण के उनके समर्थन ने चीजों को और भी मुश्किल बना दिया है। उनकी पत्नी दुर्गा शक्ति नागपाल (IAS: 2011: यूपी) वर्तमान में लखीमपुर खीरी की डीएम हैं।