MP Sadak Parivahan Nigam : 5 महीने की कवायद के बाद अब सरकारी गाड़ियां फिर चलेंगी!
Bhopal : मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम को सरकार ने फिर शुरू करने का फैसला किया है। लेकिन, इसे नए स्वरूप में शुरू किया जाएगा। इसके लिए 5 महीने से कवायद की जा रही है। सरकार ने तय किया कि इसका प्रारूप महाराष्ट्र की सरकारी बसों की तरह होगा। मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग को इसका प्रस्ताव बनाने के लिए निर्देश दिए हैं। इसी महीने प्रस्ताव पेश किया जाना हैं। इस बात पर सबसे ज्यादा जोर दिया जाएगा कि ये बसें वहां संचालित हो, जहां प्राइवेट बसें नहीं जाती हैं। लेकिन, अभी इसके फ़ॉर्मेट पर काम होना बाकी है। प्रदेश में 19 साल बाद फिर सड़क परिवहन निगम की शुरु किया जा रहा है।
प्रदेश में सरकारी बसों का संचालन महाराष्ट्र मॉडल की तरह किया जाएगा। इस योजना को शुरू करने के लिए 5 महीने से प्रयास किया जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पांच माह पहले बैठक लेकर इस पर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे। अब रिपोर्ट तैयार हो चुकी है, तो महाराष्ट्र मॉडल पर इसे लागू करने का विचार किया जा रहा है।
2005 में सड़क परिवहन निगम को बंद किया गया था। लेकिन, यह पूरी तरह से बंद नहीं किया हुआ था। क्योंकि, इसके लिए केंद्रीय परिवहन और श्रम मंत्रालय की सहमति नहीं ली गई। इस समय सड़क परिवहन निगम में 166 कर्मचारी भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और इंदौर में कार्यरत हैं। जबकि, 140 अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति के तौर पर काम कर रहे हैं।
बसें इस रूट पर चलेगी
परिवहन निगम की शुरू होते ही सरकारी बसें उन रूट पर चलाई जाएगी, जहां पर प्राइवेट बसें नहीं चलती है। सबसे पहले इंटर डिस्ट्रिक्ट रूट पर इन बसों को चलाया जाएगा। इसके बाद पड़ोसी राज्य तक सेवा का विस्तार होगा। सरकारी बसों को आधुनिक बनाने पर काम हो रहा है। हो सकता है इलेक्ट्रिक व्हीकल का उपयोग किया जाए।
नए परिवहन निगम को पीपीपी मॉडल और सरकारी नियंत्रण में चलने को लेकर निर्णय अभी होना शेष है। हालांकि जब निगम को बंद किया गया था, तब उसकी संपत्ति 29 हजार करोड रुपए थी और उसके पास 700 बसें थी। अब पीपीपी मॉडल के तहत बस स्टैंड कमर्शियल उपयोग के लिए दिया जा सकता है। लेकिन, अभी अंतिम फैसला होना बाकी है।