युवक पिता,मासूम पुत्र के शव मिले रेलवे ट्रेक के पास तो घर में फंदे पर लटका मिला पत्नी का शव
*संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की रिपोर्ट*
सिवनी मालवा। नर्मदापुरम जिले में एक ही परिवार के तीन सदस्यों द्वारा आत्महत्या कर लेने की खबर जिसने भी सुनी वह हतप्रभ रह गया। पहले एक पिता और उसके अबोध बेटे का शव रेलवे ट्रैक पर मिला तो लगभग उसी समय युवक की पत्नी घर में फंदे पर लटका शव मिलने की खबर मिली। तीनों की मौत कैसे हुई? कारण जानने पुलिस जांच कर रही है। पुलिस ने तीनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घटना आज गुरुवार सुबह की है।
जानकारी के मुताबिक, सिवनी मालवा तहसील के ग्राम रूपादेह निवासी एक ही परिवार के 3 लोगों के शव इस तरह खौफनाक रूप से मिलने से जिले भर में हड़कंप मच गया।मृतक युवक संदीप लौवंशी (30) और उसके अबोध 5 वर्षीय बेटे तक्षित लौवंशी का शव रेलवे ट्रैक के पास बानापुरा में मिला। बाप-बेटे के शवों का पीएम चल रहा था, तभी सूचना मिली कि संदीप की पत्नी पूजा लौवंशी का शव भी घर में फंदे पर लटका हुआ है। तीनों की मौत का कारण जानने पुलिस जांच कर रही है। तीनों की मौत की सूचना मिलते ही पुलिस युवक के घर बानापुरा स्थित नीचा बाजार क्षेत्र उनके घर पहुंची। फांसी पर लटके महिला के शव को उतारा। शव का पंचनामा बना पीएम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा है।
पुलिस का कहना है कि 4 दिन पहले ही संदीप के बड़े पापा की मृत्यु गांव में ही हुई थी। कल ही वहां से लौटकर युवक और उसकी पत्नी सिवनी मालवा वापस आए थे। प्रारंभ में घटना की जानकारी लगते ही पुलिस अधिकारी सोनाली चौधरी टीम के साथ मौके पर पहुंचीं और महिला का शव वरामद किया। इसके बाद बाप-बेटे के शव भी लाए गए और तीनों लाशें पोस्टमॉर्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाए गए। वहीं पुलिस परिवार और आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है कि तीनों की मौत आखिर किस वजह से हुई है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि तीनों ने सुसाइड किया है। हालांकि अभी आत्महत्या की वजह का भी पता नहीं लगा है। पुलिस को तीनों के मरने की थ्योरी ही समझ में नहीं आ रही है। वहीं इस मामले की जांच कर रहे उपनिरीक्षक सहजाद खान ने मीडिया को बताया कि 4 दिन पहले ही मृतक संदीप के बड़े पापा का निधन गांव में हुआ था। तो वह तीनों शोक व्यक्त करने गए हुए थे, इसके बाद वहां से लौटकर शाम को तीनों पति-पत्नी और बेटा वापस अपने गांव चले गए थे। परिवार के अन्य लोगों का कहना है कि उनको देखकर कभी नहीं लगा कि वह किसी परेशानी से जूझ रहे हैं और परेशान होकर सामूहिक रूप से इतना बड़ा कदम भी उठा सकते हैं।