Sailana Kharmor Sanctuary: सैलाना खरमोर पक्षी अभ्यारण्य का आकार बढ़ा, अब 1394 हेक्टेयर जमीन शामिल

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Sailana Kharmor Sanctuary: सैलाना खरमोर पक्षी अभ्यारण्य का आकार बढ़ा, अब 1394 हेक्टेयर जमीन शामिल

 

रतलाम: रतलाम जिलें में सैलाना के खरमोर पक्षी अभ्यारण्य के दायरे में आ रही 304.350 हेक्टेयर निजी और राजस्व भूमि अब इस अभ्यारण्य के प्रतिबंधित क्षेत्र से बाहर हो गई है। वहीं अन्य क्षेत्रों की जमीन शामिल करते हुए 1394.161 हेक्टेयर क्षेत्र को सैलाना खरमोर पक्षी अभ्यारण्य के रुप में घोषित किया है।

वन विभाग ने जून 1983 में ग्राम सैलाना शिकारवाड़ी में 354.570 हेक्टेयर जमीन और ग्राम शेरपुर में 90.161 हेक्टेयर तथा वनखंड पुन्याखेड़ी के 851.81 हेक्टेयर क्षेत्र इस प्रकार कुल 1296.541 हेक्टेयर क्षेत्र को खरमोर पक्षी अभ्यारण्य के रुप में घोषित किया था। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत अब राज्य सरकार ने इस अधिसूचना में संशोधन करते हुए ग्राम सैलाना के 354.570 हेक्टेयर जमीन में से 304.350 हेक्टेयर जमीन को जो कि निजी भूमि या राजस्व भूमि है। इनके खाताधारकों को अभ्यारण्य से पृथक रि दिया है। अब यह क्षेत्र खरमोर अभ्यारण्य का हिस्सा नहीं रहेगा।

इसके स्थान पर अब वनखंड पुन्याखेड़ी में 363.07 हेक्टेयर तथा 127.32 हेक्टेयर और सैलाना के शासकीय राजस्व क्षेत्र में 50.22 हेक्टेयर, शेरपुर में शासकीय जमीन और निजी जमीन के 90.161 हेक्टेयर तथा पुन्याखेड़ी के शेष क्षेत्रों में समायोजित कर 1394.161 हेक्टेयर क्षेत्र को सैलाना खरमोर पक्षी अभ्यारण्य के रुप में घोषित किया है। इस तरह अब खरमोर पक्षी अभ्यारण्य का क्षेत्र तो बढ़ गया है लेकिन जो सैलाना की की 304 हेक्टेयर जमीन इससे बाहर हुई है वहां अब निर्माण कार्य और अन्य गतिविधियां संचालित की जा सकेंगी।

*अब यह जमीन हुई खरमोर अभ्यारण्य में* 

-सैलाना के खरमोर अभ्यारण्य के क्षेत्र में जो बदलाव किया गया है उसके बाद रतलाम जिले के रतलाम वन मंडल के सैलाना वन परिक्षेत्र और पिपलौदा सैलाना तहसील तथा पुन्याखेड़ी की सीमाओं में बदलाव किया गया है। वनखंड पुन्याखेड़ी भाग एक की 1253.780 हेक्टेयर जमीन,ग्राम शेरपुर भाग दो की शासकीय राजस्व और निजी भूमि का 90.161 हेक्टेयर क्षेत्र और ग्राम सैलाना शिकारवाड़ी भाग तीन का 50.220 हेक्टेयर क्षेत्र मिलाकर कुल 1394.161 हेक्टेयर क्षेत्र इस अभ्यारण्य का हिस्सा रहेंगे। नये सिरे से इस अभ्यारण्य के क्षेत्र में शामिल जमीन की बाउंड्री बनाकर इसे कव्हर किया जाएगा।