Finance Department Clarified: रीवा कमिश्नर को 94 में लिखी चिट्ठी पैदा कर रही थी सरकारी विभागों में भ्रम की स्थिति, अब वित्त विभाग ने किया स्पष्ट

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Finance Department Clarified: रीवा कमिश्नर को 94 में लिखी चिट्ठी पैदा कर रही थी सरकारी विभागों में भ्रम की स्थिति, अब वित्त विभाग ने किया स्पष्ट

 

भोपाल:रीवा कमिश्नर को वर्ष 1994 में लिखी चिट्ठी से सभी सरकारी विभागों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी। इसके चलते सरकारी महकमों में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के पांच साल से अधिक नौकरी से लगातार अनुपस्थित रहने के मामले विभाग वित्त विभाग को भेज रहे थे। इसके चलते फायनेंस में ऐसे मामलों का अंबार लग गया था। अब वित्त विभाग ने सरकारी विभागों को निर्देश जारी किए है कि डाइज नान दंड या अवकाश नहीं है। ऐसे मामलों का निराकरण प्रशासकीय विभाग अपने स्तर पर करें।

वित्त विभाग ने इस संबंध में राजस्व मंडल ग्वालियर के अध्यक्ष, सभी विभागाध्यक्ष और सभी कलेक्टरों को स्पष्ट निर्देश जारी किए है। सरकारी विभागों में कर्मचारियों की नौकरी से लगातार अनुपस्थिति के संबंध में मूलभूत नियम 18 में प्रावधान है कि जब तक राज्यपाल मामले की विशेष परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए अन्यथा विनिश्चित न करें किसी भी शासकीय सेवक को लगातार पांच वर्ष से अधिक अवधि का किसी भी प्रकार का अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा।

कर्मचारियों की अनुपस्थित अवधि जो कि अवकाश स्वीकृति से जुड़ी नहीं है के डाइज नान के रुप में निराकरण करने के संबंध में वित्त विभाग ने प्रशासकीय विभागों को अधिकार पहले से दिए हुए है।

वित्त विभाग ने वर्ष 1994 में रीवा कमिश्नर को पांच साल से अधिक समय से अनुपस्थित चल रहे शासकीय कर्मचारी की अनुपस्थिति की अवधि के निराकरण के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजने को कहा था। तब से इसे ही आधार मानकर कई विभाग विभाग यह मानते हुए कि उनके यहां मृत दिवस के पांच वर्ष तक की अवधि के निराकरण ही प्रशासकीय स्तर से किए जा सकते है इससे अधिक अवधि के प्रकरणों में मंत्रिपरिषद से आदेश प्राप्त किया जाना आवश्यक है और इसके लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को परामर्श के लिए भेजे जाते है। वित्त विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि डाइज नान अवकाश नियमों से जुड़े नहीं है। यह कोई दंड भी नहीं है जिसके लिए सजा दी जाए या डीई शुरु की जाए। डाइज नान अवधि के निराकरण के लिए वित्त विभाग के निर्देशों में अधिकतम सीमा अवधि भी अंकित नहीं है इसलिए इस संबंध में प्रशासकीय विभाग ही अपने स्तर पर निर्णय ले सकते है।

*डाइज नान अवधि का पदोन्नति, वेतनमान में नहीं मिलेगा लाभ-* 

डाइज नान अवधि का शासकीय कर्मचारी के पूरे कार्यकाल में पदोन्नति और समयमान वेतनमान के लिए कोई लाभ नहीं मिलेगा। इसे इस तरह माना जाएगा मानो शासकीय कर्मचारी ने उस दौरान कोई काम नहीं किया और उसे कोई भुगतान नहीं हुआ। इतनी अवधि को शासकीय कार्य अवधि नहीं माना जाएगा। इसके लिए उसके विरुद्ध कोई विभागीय जांच भी शुरु नहीं की जाएगी न ही उसके कोई दंड दिया जाएगा। पेंशन निराकरण के लिए भी इस अवधि को काउंट नहीं करेंगे।