Captured Karbala Land : कर्बला की 6.70 एकड़ जमीन का नगर निगम ने बोर्ड लगाकर कब्जा लिया!

2 दिन पहले जिला कोर्ट ने फैसला देते हुए नगर निगम को इसका मालिक बताया!

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Captured Karbala Land : कर्बला की 6.70 एकड़ जमीन का नगर निगम ने बोर्ड लगाकर कब्जा लिया!

इंदौर से गोविंद राठौर की ग्राउंड रिपोर्ट

Indore : बेशकीमती कर्बला मैदान की जमीन पर अब नगर निगम का आधिकारिक रूप से कब्जा हो गया। अभी तक यह जमीन वक्फ बोर्ड के आधिपत्य में थी, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद इसे आज नगर निगम ने अपने कब्जे में लेकर वहां बोर्ड लगा दिया। करीब 100 करोड़ कीमत की 6.70 एकड़ जमीन अभी तक वक्फ बोर्ड के पास थी।

कोर्ट से मामला जीतने के बाद आज जमीन का कब्जा लेने महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित निगम के कई अधिकारी कर्बला मैदान पहुंचे। कर्बला मैदान की जमीन को लेकर जिला कोर्ट ने नगर निगम के पक्ष में फैसला दिया था। इस जमीन का रजिस्ट्रेशन वक्फ बोर्ड के नाम था, लेकिन कोर्ट ने इसे नगर निगम के मालिकी हक की जमीन माना। नगर निगम ने अब जमीन पर अपना मालिकाना हक ले लिया। मैदान पर निगम ने अपने मालिकाना हक की सूचना का बोर्ड भी लगा दिया है। लंबे समय से कर्बला मैदान को लेकर कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हिंदू संगठनों के पदाधिकारी व अन्य लोग भी मौजूद रहे।

वक्फ बोर्ड की इस मामले में करारी हार हुई। कर्बला मैदान की 6.70 एकड़ जमीन को वक्फ संपत्ति बताए जाने का दावा जिला कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने इंदौर नगर निगम को इस बेशकीमती भूमि का मालिक घोषित कर दिया है। बताया जाता है कि इस जमीन की कीमत 100 करोड़ रुपए से अधिक है। यह वक्फ बोर्ड के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

नगर निगम की ऐतिहासिक जीत
महापौर ने अदालत के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि इस विवादित जमीन को लेकर 1979 से चल रही कानूनी लड़ाई में नगर निगम को ऐतिहासिक जीत हासिल हुई। पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि कर्बला मैदान पर अवैध कब्जा रोकने को लेकर नगर निगम का दायर मुकदमा एक दीवानी अदालत ने 2019 में खारिज कर दिया था।

महापौर ने यह जानकारी भी दी कि नगर निगम ने इस फैसले को जिला कोर्ट में चुनौती दी। साथ ही मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड, कर्बला मैदान समिति और मुस्लिम पक्ष के अन्य लोगों को प्रतिवादी बनाया। जिला जज नरसिंह बघेल ने नगर निगम की अपील स्वीकार की साथ ही 13 सितंबर को पारित फैसले में कहा कि प्रतिवादी गण यह प्रमाणित करने में असफल रहे हैं कि वादग्रस्त संपत्ति एक वक्फ संपत्ति है। इसके बाद सारे रास्ते साफ हो गए और आज नगर निगम ने इस जमीन का कब्जा ले लिया।