PWD’s New Feat:16 साल पहले बनी सड़क की दोबारा पेमेंट करने की थी तैयारी
भोपाल। राजधानी में ऋषिपुरम फेस-1 से लेकर विवेकानंद विद्यापीठ की 600 करोड़ की सड़क पर रखरखाव करने का मामला इन दिनों चर्चा में है। इस रोड लोक निर्माण विभाग का कहना है कि इस पर केवल डामरीकरण ही करवाया है लेकिन दूसरी तरफ स्थिति यह है कि इसके बोर्ड लेकर लीपापोती की जा रही है। इस सड़कों को शेपर्ड कंपनी द्वारा बनाया जा रहा है। हकीकत यह है कि इस रोड को अभी पूरा नहीं बनाया गया है क्योंकि आगे की जमीन भेल और एम्स का कब्जा है। उसका भू अधिग्रहण नहीं कराया जा सका है लेकिन आधी अधूरी बनी सड़क पर लगा बोर्ड लोगों को हैरान कर दिया है। अगर यह मामला उजागर नहीं होता तो 2016 में बनी इस सड़क का दोबारा पेमेंट करने की तैयारी थी।
आधी अधूरी जानकारी से भड़की पब्लिक
यह रोड भोपाल की मास्टर प्लान सड़कों में से एक है। इस पर हो रहे गोलमाल और बनाने वाली कंपनी की लापरवाही से पब्लिक भड़क गयी है। इस को 37 लाख से बनाया जा रहा है। सवाल यह है कि जब यह अधूरी सड़क है तो उस पर निर्माण का बोर्ड कैसे लग गया। इसमें ठेकेदार और अधिकारियों की भूमिका बतायी जा रही है।
*PWD ने माना कि गलत जगह बोर्ड लगा*
लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री आरपी गुप्ता का कहना है कि यह बात सही है कि बोर्ड गलत जगह पर लग गया था अब उसको दुरूस्त करवा कर सही जगह पर लगवाया गया है। इसी तरह से उसमें जो जानकारियां दी गयी थी उनको भी ठीक किया गया है। गलत जानकारी देने वाले ठेकेदार के खिलाफ विभाग ने क्या कार्यवाही की और उसको वहां पर विभाग के अधिकारियों ने कैसे लगवा दिया यह एक बड़ा सवाल है।
कितनी लंबी है यह सड़क
ऋषिपुरम से विवेकानंद पीठ तक मास्टर प्लान की फोरलेन सड़क की लंबाई 1400 मीटर है। इसमें से 800 मीटर के हिस्से पर काम किया जाना है लेकिन यह काम भूमि अधिग्रहण की वजह से रूका हुआ है। जब काम ही पूरा नहीं हुआ तो उससे जनता को क्या लाभ होगा और इसकी आगे की फाइलें क्यों नहीं बनायी गयी इस पर भी अब सवालिया निशान उठ रहे हैं।