No Car Day in Indore : कलेक्टर और महापौर ने ‘नो कार डे’ पर ई-बाइक और साइकिल का उपयोग किया!

सभी अधिकारियों ने आज कारों के बजाए पर्यावरण हितैषी वाहनों का इस्तेमाल किया!

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No Car Day in Indore : कलेक्टर और महापौर ने ‘नो कार डे’ पर ई-बाइक और साइकिल का उपयोग किया!

Indore : आज ‘नो कार डे’ के अवसर पर शहर में कारें कम चलती दिखाई दे रही है। कलेक्टर आशीष सिंह और महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने ई-बाइक और साइकिल का उपयोग कर पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संदेश दिया। महापौर ने नागरिकों से अपील की कि वे कारों का उपयोग न करें और सार्वजनिक परिवहन का सहारा लें। इससे वायु गुणवत्ता में सुधार और पर्यावरण संरक्षण हो सके।

सुबह कलेक्टर आशीष सिंह हेलमेट लगाए ई-बाइक पर कलेक्टोरेट पहुंचे। जबकि, पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता ने अपने सरकारी वाहन का उपयोग किए बिना साइकिल चलाकर अपने दफ्तर का रुख किया। निगम आयुक्त शिवम वर्मा भी साइकिल से अपने निवास से जीपीओ चौराहा तक पहुंचे, जो स्वस्थ जीवनशैली और पर्यावरण के प्रति जागरूकता को प्रोत्साहित करने का प्रतीक है। इसके बाद उन्होंने स्मार्ट सिटी सीईओ दिव्यांक सिंह के साथ सिटी बस का उपयोग कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।

महापौर ने कहा कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमें पर्यावरण की रक्षा के लिए क्या कर सकते हैं। हम सभी को मिलकर वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए कदम उठाने चाहिए। नगर निगम और एआईसीटीसीएल द्वारा शहर के विभिन्न चौराहों पर बीआरटीएस के तहत पब्लिक ट्रांसपोर्ट, माय बाइक और ई-रिक्शा की व्यवस्था की गई है। ये सेवाएं निरंजनपुर चौराहा, स्कीम नंबर 78 चौराहा, विजय नगर चौराहा, आदि पर उपलब्ध होंगी।

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नो कार डे के इस अवसर पर शहर के मध्य क्षेत्र और प्रमुख मार्गों पर सुबह 9:00 बजे से 12:30 बजे तक विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। शाम को 5:30 से 7:30 बजे तक भी कई गतिविधियां होंगी। इन गतिविधियों में बैंड, नुक्कड़ नाटक, और ओपन कैनवास शामिल हैं, जो लोगों को पर्यावरण संरक्षण और वायु गुणवत्ता सुधार के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही हैं। नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपनी कारों का उपयोग न करें, जिससे न केवल वायु प्रदूषण कम होगा बल्कि यातायात की समस्या भी हल होगी। इस पहल ने इंदौर को एक पर्यावरण-हितैषी शहर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रखा है।

 

इससे पर्यावरण सुधरेगा

पिछले साल इंदौर में 22 सितंबर को ही नो-कार डे मनाया गया था। उस दौरान शहर में कुल कारों की तुलना में 12 फीसदी कारें सड़कों पर कम निकली थीं। इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि पिछले साल ‘नो कार डे’ पर 12 फीसदी कारें कम चलने से करीब 80 हजार लीटर ईंधन की बचत हुई। सल्फर मोनो ऑक्साइड का उत्सर्जन 5.5 फीसद कम हुआ और कुल मिलाकर 18 प्रतिशत वायु प्रदूषण घटा। उन्होंने नागरिकों से पिछले वर्ष की सफलता को ध्यान में रखते हुए ‘नो कार डे’ पर साइकिल, ई-रिक्शा और सार्वजनिक परिवहन के अन्य साधनों का इस्तेमाल करने की अपील की है।

गौरतलब है कि शहर में रोजाना करीब 4 लाख 15 हजार 794 कारें और 3 हजार 992 टैक्सी चलती है। क्लीन एयर कैटलिस्ट की रिसर्च का दावा है कि इंदौर की वायु गुणवत्ता बिगाड़ने में वाहनों के प्रदूषण और सड़क पर उड़ने वाली धूल की सर्वाधिक 70 फीसद हिस्सेदारी है।