Attempt to Blow up Army Train : ‘आर्मी स्पेशल ट्रेन’ को डेटोनेटर से उड़ाने की साजिश नाकाम, ट्रेन में हथियार और सेना के अफसर भी!

भुसावल रेल मंडल के सागफाटा रेलवे स्टेशन के पास की घटना, जांच एजेंसियां पहुंची!

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Attempt to Blow up Army Train : ‘आर्मी स्पेशल ट्रेन’ को डेटोनेटर से उड़ाने की साजिश नाकाम, ट्रेन में हथियार और सेना के अफसर भी!

 

Burhanpur : ट्रेनों को पटरी से उतारने की एक नाकाम कोशिश का षड्यंत्र सामने आया है। 18 सितंबर को सेंट्रल रेलवे के भुसावल रेल मंडल के सागफाटा रेलवे स्टेशन के पास अज्ञात लोगों ने रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर रख दिए थे। दिल्ली-मुंबई ट्रैक पर सागफाटा से डोंगरगांव के बीच 10 डेटोनेटर एक से डेढ़ फीट की दूरी से रखे गए थे। ट्रेन खंडवा से होते हुए तिरुवनंतपुरम जा रही थी। इसमें आर्मी के अफसर, कर्मचारी और हथियार थे। ट्रेन के ट्रैक पर रखे डेटोनेटर से धमाके की आवाज सुनकर चालक ने तुरंत ट्रेन को रोक दिया। चालक की सूझबूझ के चलते एक बड़ा हादसा टल गया। इसके बाद, ट्रेन को रोककर घटना की जानकारी स्टेशन मास्टर को दी गई।

घटना की सूचना मिलते ही, देश की प्रमुख जांच एजेंसियां हरकत में आ गईं। पुलिस की स्पेशल शाखा, एटीएस और अन्य खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू की। उन्होंने संदिग्धों से पूछताछ भी की, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों ने गोपनीयता बरती है। यह घटना न केवल रेलवे सुरक्षा के लिए एक चुनौती है, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी एक बड़ा अलार्म है। हाल के समय में, देश में कई स्थानों पर ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे चिंता बढ़ गई है।

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घटना को गंभीरता से लेकर जांच

रेलवे मंत्रालय ने काफी गंभीरता से लिया है। आर्मी के अधिकारी भी जांच में जुटे हैं। वे पूछताछ के लिए चाबीदार और ट्रैकमैन की कस्टडी मांग रहे हैं। मध्य रेलवे भुसावल मंडल के पीआरओ जीवन चौधरी ने कहा कि अभी मामले की जांच चल रही है। डॉग स्क्वायड की मदद से भी छानबीन की जा रही है।

ढाई घंटे नेपानगर में रुकी ट्रेन

सागफाटा स्टेशन के कंट्रोल रूम में नेपानगर से ट्रैक पर डेटोनेटर होने की सूचना दी गई। जिसके बाद ट्रेन को दोपहर करीब ढाई बजे सागफाटा स्टेशन पर आधे घंटे तक रोका गया। ट्रैक पर रखे डेटोनेटर 2014 के बताए जा रहे हैं। यह पांच साल के लिए ही वैध रहते हैं। छठवें साल में इनका टेस्ट होता है। इन्हें रेलवे ही बनाता है।

साजिशकर्ताओं की पहचान के लिए जांच जारी है और अधिकारियों का मानना है कि इस प्रकार की घटनाएं किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकती हैं। सुरक्षा एजेंसियां सभी संभावित सुरागों पर काम कर रही हैं ताकि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके और भविष्य में ऐसे प्रयासों को विफल किया जा सके।