Kamal Patel : 2 बार मंत्री, 5 बार के BJP विधायक ने सांसद प्रतिनिधि बनना क्यों मंजूर किया!

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Kamal Patel : 2 बार मंत्री, 5 बार के BJP विधायक ने सांसद प्रतिनिधि बनना क्यों मंजूर किया!

वे पहले भी इस पद पर रह चुके हैं, फिर अब क्या ऐसी मज़बूरी आ गई!

Bhopal : भाजपा में कमल पटेल जब भी किसी पद पर रहे, हमेशा किसी वजह से चर्चा में बने रहे। इस बार उनके चर्चा में रहने की वजह उनका सांसद प्रतिनिधि बनना है। किसी बड़े नेता का ऐसा छोटा पद स्वीकारना आश्चर्यजनक इसलिए है कि वे पांच बार हरदा से विधायक रहे हैं और दो बार मंत्री। फिर वे सांसद प्रतिनिधि क्यों बने, इसे लेकर खासी चर्चा है। संभवतः पहली बार कोई इतना सीनियर नेता सांसद का प्रतिनिधित्व करेगा, इसे लेकर हरदा से राजधानी तक उसके मतलब निकाले जा रहे हैं।

बैतूल सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने उन्हें हरदा जिले में सांसद प्रतिनिधि नियुक्त किया है। चर्चा शुरू हो गई कि आखिर पूर्व मंत्री ने यह पद क्यों स्वीकार किया। वह भी जबकि वे प्रदेश की राजनीति में कद्दावर मंत्री रह चुके हैं। सांसद प्रतिनिधि का पद तो पार्षद से भी छोटा होता है और ये जिम्मेदारी पार्टी कार्यकर्ता को दी जाती है। फिर आखिर इसके पीछे की मूल वजह क्या है!

यह चर्चा शुरू हो गई कि आखिर कमल पटेल ने अपने रुतबे से नीचे आकर समझौता क्यों किया! इसके पीछे सबके अपने अलग-अलग निष्कर्ष है। समझा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव हारने के बाद राजनीति में कमल पटेल की पूछ-परख कम हो गई है। इसलिए वे सांसद प्रतिनिधि बनकर सक्रिय राजनीति में फिर अपनी जगह बनाना चाहते हैं। कहा जा रहा कि इतने सामान्य पद पर रहकर वे कैसे अपना ओहदा बढ़ा सकेंगे, ये समझ से परे हैं।

बताया जा रहा कि कमल पटेल प्रशासन और अन्य बैठकों में शामिल होना चाहते हैं, अभी तक किसी पद पर न होने से वे इन बैठकों से बाहर थे। यही कारण है कि उन्होंने सांसद प्रतिनिधि बनना स्वीकार किया। लेकिन, यह भी कहा जा रहा कि उन्होंने छोटे से स्वार्थ के लिए अपने रुतबे से समझौता कर लिया। कमल पटेल संघ के करीबी हैं और खुद को किसान नेता की तरह स्थापित करना चाहते हैं। लेकिन, विधानसभा चुनाव हारने के बाद वह हाशिए पर चले गए। उनकी गिनती दमदार मंत्रियों में होती थी। अब उनकी कोशिश है कि खोई हुई जमीन को फिर से पाया जाए और सांसद प्रतिनिधि बनना शायद उसी का नतीजा है।

कमल पटेल पहली बार सांसद प्रतिनिधि नहीं बने, पहले भी वे ये काम कर चुके हैं। 2014 से 2018 तक भी वे सांसद प्रतिनिधि रहे हैं। लेकिन, इस बार उनको ये पद मिलना जिले की राजनीतिक अंदरूनी खींचतान का नतीजा माना जा रहा है। हरदा नगर पालिका की अध्यक्ष भारती कमेडिया के पति राजू अभी तक सांसद प्रतिनिधि थे।