VC of Private Universities : 32 प्राइवेट यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर पद के योग्य नहीं!

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VC of Private Universities : 32 प्राइवेट यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर पद के योग्य नहीं!

वे कभी प्रोफ़ेसर भी नहीं रहे, इन्हें 15 दिन में हटाने के निर्देश!

Bhopal : मध्य प्रदेश को लेकर एक स्लोगन बेहद लोकप्रिय है ‘एमपी अजब है-सबसे गजब है!’ वास्तव में ये सही भी है। प्रदेश में फिर अजब कारनामा हुआ जिसे गजब ही कहा जाएगा। प्रदेश की 52 में से 32 प्राइवेट यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर (कुलगुरु) ऐसे अयोग्य लोगों को बना दिया गया, जो कभी प्रोफेसर भी नहीं रहे। इसके बावजूद उनको इस पद नियुक्त कर दिया। अब आयोग सख्त हुआ और एक्शन ले रहा है।

मध्यप्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलरों (कुलगुरु) की नियुक्तियों में एक बड़ा गड़बड़झाला सामने आया। 52 निजी विश्वविद्यालयों में से 32 विश्वविद्यालय के कुलगुरु ऐसे हैं, जिनके पास यह पद पाने की योग्यता होना तो दूर, वे कभी प्रोफेसर तक नहीं रहे। ऐसे विश्वविद्यालयों में सबसे बड़ा आंकड़ा भोपाल और इंदौर का है, जहां 8-8 यूनिवर्सिटी में ऐसे ही अयोग्य कुलगुरु बैठे हैं। इनमें ग्वालियर के दो विवि भी शामिल हैं। अब विनियामक आयोग इनको हटाने की कार्यवाही कर रहा है। इसके लिए 10-15 दिनों तक का समय दिया जिससे हड़कम्प हो गया।

मनमाने ढंग से की गई नियुक्ति

आयोग की जांच में बड़ा खुलासा यह हुआ है कि निजी विश्विद्यालयों में कुलगुरुओं की नियुक्ति मनमाने ढंग से की गई। यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार कुलगुरु के लिए वही व्यक्ति आवेदन कर सकता है, जिसको दस साल के अध्यापन का अनुभव हो और प्रोफेसर रह चुका हो। लेकिन, प्रदेश की 52 निजी यूनिवर्सिटी में से आधी से भी अधिक यानी 32 ऐसी पाई गईं, जिनमें कार्यरत कुलगुरुओं के पास न तो बतौर प्रोफेसर 10 साल का अनुभव है और न इसके लिए कोई प्रमाण हैं. इनके अन्य दस्तावेज भी संदिग्ध हैं। अब इन सभी हटाने की कार्यवाही शुरू हो गई।

इन जगहों में हैं गड़बड़ी

इस तरह विश्वविद्यालया की लिस्ट देखें तो इसमें ग्वालियर के दो, भोपाल और इंदौर के 8-8, सीहोर के 3 विवि के अलावा विदिशा, सतना, रायसेन, शिवपुरी, खंडवा, छिंदवाड़ा, दमोह, बालाघाट, मंदसौर और सागर जिलों में स्थित निजी विवि के कुलगुरु भी इस पद के लिए वांछित अर्हता पूरी नहीं करते हैं।

15 दिनों में मांगा जवाब

लंबी जांच-पड़ताल के बाद मध्य प्रदेश निजी विवि विनियामक आयोग ने अब बड़ी कार्यवाही करते हुए, इन विवि के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी है. ऐसे सभी निजी विवि के प्रबंधन को 15 दिन के भीतर ऐसे कुलगुरु को हटाकर कार्यवाही करने को कहा गया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि वे कुलगुरु सहित अन्य सभी अकादमिक और प्रशासनिक पदों पर निर्धारित मापदंड के अनुसार नियुक्तियां सुनिश्चित करें।