Dowry Harassment : दहेज़ प्रताड़ना मामले में खरगोन के ASP के बेटे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज!

इस मामले में बेटे के साथ पिता और मां भी आरोपी बने, कोर्ट के निर्देश पर दर्ज हुआ था मामला!

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Dowry Harassment : दहेज़ प्रताड़ना मामले में खरगोन के ASP के बेटे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज!

Indore : दहेज प्रताड़ना और मानसिक त्रास से तंग आकर 42 दिन पहले विवाहित युवती ने आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या से पहले युवती ने अपने ससुर तरुणेन्द्रसिंह बघेल (एएसपी जिला खरगोन), सास सरोज और बैंगलोर में नौकरी करने वाले पति वरूण को सुसाइड नोट में उसकी मौत का जिम्मेदार बताया था। युवती की मौत के बाद पुलिस ने तीनों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।

मामला दर्ज होने के बाद बड़वानी में पदस्थ पुलिस अधिकारी और उसकी पत्नी ने अग्रिम जमानत आवेदन कोर्ट में लगाया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। बुधवार को आरोपी बेटे ने कोर्ट में आवेदन लगाया तो कोर्ट ने पीड़िता के वकील के तर्क से सहमत होकर आवेदन निरस्त कर दिया। आरोपी ने कोर्ट में दलील दी थी कि मृतका ने दहेज प्रताड़ना में आत्महत्या करना सुसाइड नोट में नहीं लिखा है, वह अवसाद से ग्रस्त थी। उसका इलाज डॉ श्रीकांत रेड्डी कर रहे थे। युवती समलैंगिक होने से शादी नहीं करना चाहती थी। परिवार ने आरोपी को भरोसे में लेकर शादी कर दी।

आरोपी पति का कहना था कि शादी के बाद से ही श्रेया आत्महत्या की कोशिश कर रही थी। मेरे परिजनों से कुछ मामूली विवाद हुआ तो उसने खुदकुशी कर ली। लेकिन, कोर्ट आरोपी के तर्क से सहमत नहीं हुआ। अग्रिम जमानत आवेदन खारिज होने के बाद कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि वे आरोपी को तत्काल गिरफ्तार करे।

 

मृतका के परिवार का आरोप

श्रेया के परिवार का आरोप है कि शादी के बाद से ही ससुराल वाले उसे दहेज के लिए प्रताडित कर रहे थे। इससे परेशान होकर 24 अगस्त को श्रेया ने मायके में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को जांच में श्रेया सिंह का सुसाइड नोट भी मिला था, जिसमें उसने ससुराल वालों द्वारा प्रताडित किए जाने की बात कही थी।

 

कोर्ट के दखल से हुई थी एफआईआर

एमआईजी पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम किया था। प्रकरण की जांच एसीपी नरेंद्र रावत (आईपीएस) ने की थी। उन्होंने श्रेया सिंह के मोबाइल की जांच के साथ उसके परिजनों के कथन भी लिए। रावत ने अपनी जांच रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी, इसके बावजूद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की।

जांच में यह बात सामने आई कि ससुराल वालों की प्रताड़ना से कारण ही श्रेया सिंह ने आत्महत्या की थी। इस पर श्रेया सिंह के पिता अखिलेश प्रताप सिंह ने जिला न्यायालय में निजी परिवाद प्रस्तुत किया। मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए जिला न्यायालय ने एएसपी बघेल, उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए।