Film Review: Deora- अझेलनीय: अभी तो ये पार्ट वन ही है! 

Film Review: Deora- अझेलनीय: अभी तो ये पार्ट वन ही है! 

अवैधानिक चेतावनी : अगर किसी ने चार पैग लगा लिये हों और फिर देवरा पार्ट वन देखने चले जाएं तो ये उसके लिए नंबर वन पिच्चर है।  सामान्य होशो-हवास में ये मगज और मनी दोनों के लिए हानिकारक है। भूल-चूक लेनी-देनी।

– इस फिल्म के अनुसार इसकी कहानी आज़ादी के बाद की है, 1980-90 के आसपास की।  तब भारतवर्ष में इंडियन कोस्ट गार्ड तो था, लेकिन भारतीय पुलिस का प्रादुर्भाव नहीं सका था। न ही कोई कोर्ट-कचहरी होती थी। इस कारण लाल सागर के पास जंगल वाली पहाड़ी के चार गाँव के लोग अपने झगड़े-टंटे खुद सलटा लेते थे। किसी को मार डालना पड़ता तो भी वे आत्मनिर्भर थे।

– जैसे हमारे एमपी में कुछ मासूम गिरोहों के रोजगार का एकमात्र जरिया ट्रक-कटिंग है, वैसे ही इन गाँवों के मर्दों का काम समंदर में मालवाहक जहाजों की कटिंग करना और वहां से  ड्रग्स  और हथियार निकालकर तस्करों को देना था। बेचारे तस्कर लोग ही उनके स्थायी रोजगार प्रदाता थे।

– इन चार गाँवों की स्त्रियों का काम था समंदर में जहाज कटिंग के पवित्र काम के लिए गये अपने पति या बेटे का इन्तजार, उसके बिना भूखा रहना, जागते रहना और तड़पते रहना। जवान लड़कियों का एकमात्र काम था शादी के लिए गाँव के ही सबसे बलिष्ठ नौजवान की खोज। चारों गांव  में स्कूल नहीं है, अस्पताल भी नहीं हैं, लेकिन शानदार मंदिर हैं। होने भी चाहिए।

– इन गांवों में हर साल ‘लोकल ओलिम्पिक’ होता है, जिसका नाम है संग्राम।  इस मल्ल युद्ध में विजेता को मिलते हैं ढेर सारे हथियार। … तलवार, खंजर, ड्रेगर, कटार, ग्रेटस्वार्ड, डर्क, खुरपी, रैपियर, पन्नी, माचे, मैचेट आदि। काटने, भोंकने, खाल उधेड़ने के हथियार। आधुनिक हथियारों में इन लोगों का भरोसा कम ही है।  ये क्या कि गन का घोड़ा दबाया और काम तमाम?   जब तक मारा काटी नहीं की जाए तो बहादुरी कैसी? खून बहना चाहिए तभी  सागर का नाम सागर पड़ा।

– अच्छा लगता है जब हीरो खाते-पीते घर का शम्मी कपूर जैसा हृष्ट-पुष्ट, परिपक्व गबरू जवान हो।  वह भी दोहरी भूमिका में हो।  हो भी क्यों नहीं, उसके बाप की कंपनी की फिल्म है।  जिसका दादा नामी अभिनेता और आंध्र प्रदेश का मुख्यमंत्री  रहा हो – नन्दमूरि तारक रामाराव यानी  एनटीआर। इसीलिए पोता जूनियर एनटीआर हुआ।  सैफ अली खान, (तैमूर-बाबर के अब्बाजान)

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– हिन्दी फिल्मों में हीरोइन रखने का रिवाज है, इसलिए इसमें भी है। मूल फिल्म तेलुगु में बनी है, इसलिए जाह्नवी कपूर को लिया गया। जाह्नवी शानदार तेलुगु और तमिल बोलती हैं, क्योंकि उनकी मां श्रीदेवी हिन्दी फिल्मों के पहले तेलुगु और तमिल फिल्मों की सुपरस्टार थीं।

– इस फिल्म में पर्दे पर कई बार सीजीआई  (कंप्यूटर जेनरेटेड इमेजनरी) लिखा आता  है, खलता है।

– देवरा फिल्म का यह पार्ट वन है। हे भगवान !  अभी और पार्ट भी आएंगे !!

देवरा अझेलनीय है।  बकवास कहानी, बकवास गाने, हिंसा का अतिरेक, बेहद लम्बी फिल्म यानी अधिक यातना। झेल सको तो झेल लो !

 

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डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी

डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी जाने-माने पत्रकार और ब्लॉगर हैं। वे हिन्दी में सोशल मीडिया के पहले और महत्वपूर्ण विश्लेषक हैं। जब लोग सोशल मीडिया से परिचित भी नहीं थे, तब से वे इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। पत्रकार के रूप में वे 30 से अधिक वर्ष तक नईदुनिया, धर्मयुग, नवभारत टाइम्स, दैनिक भास्कर आदि पत्र-पत्रिकाओं में कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा वे हिन्दी के पहले वेब पोर्टल के संस्थापक संपादक भी हैं। टीवी चैनल पर भी उन्हें कार्य का अनुभव हैं। कह सकते है कि वे एक ऐसे पत्रकार है, जिन्हें प्रिंट, टेलीविजन और वेब मीडिया में कार्य करने का अनुभव हैं। हिन्दी को इंटरनेट पर स्थापित करने में उनकी प्रमुख भूमिका रही हैं। वे जाने-माने ब्लॉगर भी हैं और एबीपी न्यूज चैनल द्वारा उन्हें देश के टॉप-10 ब्लॉगर्स में शामिल कर सम्मानित किया जा चुका हैं। इसके अलावा वे एक ब्लॉगर के रूप में देश के अलावा भूटान और श्रीलंका में भी सम्मानित हो चुके हैं। अमेरिका के रटगर्स विश्वविद्यालय में उन्होंने हिन्दी इंटरनेट पत्रकारिता पर अपना शोध पत्र भी पढ़ा था। हिन्दी इंटरनेट पत्रकारिता पर पीएच-डी करने वाले वे पहले शोधार्थी हैं। अपनी निजी वेबसाइट्स शुरू करने वाले भी वे भारत के पहले पत्रकार हैं, जिनकी वेबसाइट 1999 में शुरू हो चुकी थी। पहले यह वेबसाइट अंग्रेजी में थी और अब हिन्दी में है।

डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी ने नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर एक किताब भी लिखी, जो केवल चार दिन में लिखी गई और दो दिन में मुद्रित हुई। इस किताब का विमोचन श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के एक दिन पहले 25 मई 2014 को इंदौर प्रेस क्लब में हुआ था। इसके अलावा उन्होंने सोशल मीडिया पर ही डॉ. अमित नागपाल के साथ मिलकर अंग्रेजी में एक किताब पर्सनल ब्रांडिंग, स्टोरी टेलिंग एंड बियांड भी लिखी है, जो केवल छह माह में ही अमेजॉन द्वारा बेस्ट सेलर घोषित की जा चुकी है। अब इस किताब का दूसरा संस्करण भी आ चुका है।