Kissa A IAS:Aayush Goyal: IAS बनने के लिए छोड़ दी 28 लाख पैकेज वाली नौकरी!

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Kissa A IAS:Aayush Goyal: IAS बनने के लिए छोड़ दी 28 लाख पैकेज वाली नौकरी!

 

सरकारी या प्राइवेट नौकरी को छोड़कर यूपीएससी की तैयारी में जुटने वालों के कई किस्से हैं। लेकिन, 28 लाख का पैकेज छोड़कर यूपीएससी परीक्षा पास करने की रिस्क लेना आसान बात नहीं है। वो भी इस आत्मविश्वास के साथ कि मैं यह कर लूंगा। यह कहानी है आयुष गोयल की जिनके पिता किराने दुकान चलाते हैं। नौकरी छोड़कर यूपीएससी की परीक्षा करने वाली बात सही भी निकली और पहले ही प्रयास में आयुष गोयल ने अपना सपना पूरा कर लिया। पहले ही प्रयास में 171वीं रैंक लेकर IAS बनने में सफल हो गए।

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आयुष गोयल की शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय नाम के एक सरकारी स्कूल में हुई। इसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन पूरा किया और ‘कैट’ के एग्जाम की तैयारी शुरू की। उनकी कोशिश रंग लाई और वे केरल आईआईएम कोझिकोड़ में एडमिशन पाने में कामयाब हो गए। आईआईएम से एमबीए करने के बाद जेपी मॉर्गन कंपनी में उन्हें सालाना 28 लाख के पैकेज पर नौकरी मिली। नौकरी तो अच्छी मिल गई, पर उनके मन में जनसेवा की भावना कम नहीं हुई।

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अच्छी नौकरी मिलने के बाद भी उनके मन में IAS बनने का सपना जाग उठा। अच्छी सैलरी की नौकरी मिलने पर लोग उसमें रम जाते हैं। लेकिन, आयुष गोयल का पूरा ध्यान अपने इस नए सपने को पूरा करने पर लग गया। नतीजा यह हुआ कि 8 महीने नौकरी करने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया और यूपीएससी के सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी। इस फैसले को सुनकर हर कोई चौंका। जब सालाना 28 लाख रुपए की सैलरी है, तो इस्तीफा क्यों दिया? आयुष से उनके पिता ने वजह जानी, तो बताया कि यूपीएससी के जरिए सिविल सेवा में जाना है।

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परिवार को शुरू में लगा कि रिस्क बहुत ज्यादा बड़ा है। यूपीएससी तो बड़ी परीक्षा है, बहुत ज्यादा कठिन। पास न हुए तो क्या करोगे, अब तो नौकरी भी नहीं है। लोन कैसे उतरेगा? लेकिन, आयुष अपना फैसला ले चुके थे। पिता को पता था कि उनके बेटे ने अभी तक जिस राह पर कदम बढ़ाए, कामयाबी ही मिली है। वे भी बेटे के फैसले के साथ खड़े हो गए। आयुष के पिता सुभाषचंद्र गोयल की दिल्ली में छोटी सी राशन की दुकान है। उन्होंने आयुष की शिक्षा के लिए 20 लाख का लोन लिया था। बेटे की 28 लाख की नौकरी लगने पर उन्होंने थोड़ी राहत की सांस ली। हालांकि जब उन्हें पता चला कि बेटे ने IAS बनने के लिए नौकरी नौकरी छोड़ दी है तो उन्हें झटका जरूर लगा।

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उन्हें बेटे की लगन और लक्ष्य के प्रति ईमानदारी का विश्वास था, इसे देखते हुए वह परिणाम का इंतजार करने लगे। पढाई में आयुष हमेशा से काफी अच्छे परिणाम लाते रहे।10 वीं में जहां उन्होंने 91.2% अंक हासिल किए, वहीं 12वीं में वे 96.2% अंक लेकर पास हुए। ‘कैट’ का एग्जाम पास करने के बाद जब उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की तो परिवार को भी उम्मीद थी कि बेटा अपना सपना पूरा कर लेगा। 2022 जब आयुष ने यूपीएससी की परीक्षा दी, तो प्रीलिम्स परीक्षा पास कर ली। मेंस का रिजल्ट भी अच्छा रहा।

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इंटरव्यू के लिए उन्हें बुलाया गया, तो वो पूरे आत्मविश्वास के साथ शामिल हुए। फिर जब परीक्षा की मेरिट लिस्ट जारी हुई, तो आयुष को 171 वीं रैंक हासिल हुई। आयुष तो खुश थे ही, सबसे ज्यादा खुशी पिता सुभाषचंद्र गोयल को हुई। उनके बेटे ने एक बार फिर उनके भरोसे को जीत लिया। उनकी वो चिंता आयुष ने खत्म कर दी, जिसमें वो सोच रहे थे कि नौकरी से इस्तीफा देने के बाद लोन कैसे चुकाया जाएगा। पहले ही प्रयास में आयुष ने परीक्षा पास कर ऑल इंडिया 171 रैंक लाकर IAS में अपनी जगह पक्की कर ली।

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आयुष का मानना था कि किसी भी परीक्षा की तैयारी से पहले खुद को तैयार करना जरूरी होता है। वे बताते हैं कि आईएएस बनने के लिए डेढ़ साल तक हर दिन 8 से 10 घंटे घर में पढ़ाई की। कोचिंग लेने की बजाए उन्होंने सेल्फ स्टडी पर जोर दिया और घर में खुद ही किताबें और ऑनलाइन रिसोर्स के जरिए तैयारी की। इसी का नतीजा रहा कि वे पहले ही प्रयास में परीक्षा पास करने में सफल हुए। आयुष 2023 बैच के IAS बन गए और उन्हें केरल कैडर आवंटित हुआ है।

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Suresh Tiwari
सुरेश तिवारी

MEDIAWALA न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी मीडिया के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। वे मध्यप्रदेश् शासन के पूर्व जनसंपर्क संचालक और मध्यप्रदेश माध्यम के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहने के साथ ही एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और प्रखर मीडिया पर्सन हैं। जनसंपर्क विभाग के कार्यकाल के दौरान श्री तिवारी ने जहां समकालीन पत्रकारों से प्रगाढ़ आत्मीय रिश्ते बनाकर सकारात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई, वहीं नए पत्रकारों को तैयार कर उन्हें तराशने का काम भी किया। mediawala.in वैसे तो प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों को तेज गति से प्रस्तुत करती है लेकिन मुख्य फोकस पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी की खबरों पर होता है। मीडियावाला पोर्टल पिछले सालों में सोशल मीडिया के क्षेत्र में न सिर्फ मध्यप्रदेश वरन देश में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाब रहा है।