Biggest Cyber Fraud : अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी में वर्धमान ग्रुप के चैयरमैन से ₹7 करोड़ ठगे, 2 ठग पकड़ाए!

सुप्रीम कोर्ट का फर्जी वारंट भेजा, खुद को CBI अधिकारी बताया, पुलिस ने 5.2 करोड़ रुपए जब्त किए!

545

Biggest Cyber Fraud : अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी में वर्धमान ग्रुप के चैयरमैन से ₹7 करोड़ ठगे, 2 ठग पकड़ाए!

Ludhiyana : ये अभी तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी है और इसी के साथ सबसे बड़ी रिकवरी भी। साइबर ठगों ने सुप्रीम कोर्ट के फर्जी वारंट के जरिए वर्धमान ग्रुप के चेयरपर्सन और पद्म भूषण सम्मानित उद्योगपति एसपी ओसवाल से 7 करोड़ रुपए की साइबर ठगी की। असम और पश्चिम बंगाल के इन साइबर ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और यह ठगी की। मामले की पड़ताल करते हुए लुधियाना पुलिस ने शनिवार को गुवाहाटी से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 5.2 करोड़ रुपए जब्त कर लिए। यह देश में साइबर अपराध के मामलों में अब तक की सबसे बड़ी रकम की जब्ती बताई जा रही है। गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के अनुसार, इतनी बड़ी रकम पहले कभी बरामद नहीं हुई।

लुधियाना के पुलिस आयुक्त कुलदीप सिंह चहल के मुताबिक, वर्धमान ग्रुप ने तब शिकायत दर्ज कराई जब ओसवाल को यह एहसास हुआ कि उन्हें ठगा गया है। लेकिन, कंपनी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। गिरफ्तार किए गए आरोपी अट्नु चौधरी और आनंद कुमार चौधरी का 9 बदमाशों का गिरोह का है। उन्होंने ही ओसवाल को यह विश्वास दिलाया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल 58 फर्जी पासपोर्ट और 16 डेबिट कार्ड के अवैध रूप से मलेशिया भेजने के लिए हुआ है।

खुद को सीबीआई अधिकारी बताया
इस धोखाधड़ी की शुरुआत एक फर्जी सीबीआई अधिकारी के फोन से हुई, जिसने खुद को मुंबई पदस्‍थ अधिकारी बताया। आरोपी ने ओसवाल को वीडियो कॉल कर सीबीआई की वर्दी पहनी और कार्यालय में सीबीआई का लोगो दिखाते हुए बात की। इसके बाद उसने व्हाट्सएप पर एक फर्जी गिरफ्तारी वारंट भेजा और दावा किया कि इसे सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया है।

जमानत के लिए 7 करोड़ ठग लिए
सुप्रीम कोर्ट के इस फर्जी वारंट के आधार पर आरोपी ने ओसवाल से जमानत की प्रक्रिया के नाम पर 7 करोड़ रुपये दो बैंक खातों में ट्रांसफर करवाए। ठग ने ओसवाल को यह कहकर गुमराह किया कि उन्हें डिजिटल गिरफ्तारी के तहत रखा जा रहा है।

आरोपी 1.7 करोड़ निकाल चुके
शिकायत दर्ज होने के बाद, पुलिस ने तुरंत बैंक खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू की। लुधियाना साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के एसएचओ जतिंदर सिंह ने बताया कि ठगों ने ओसवाल से 4 करोड़ रुपए एक खाते में और 3 करोड़ दूसरे खाते में तीन ट्रांजैक्शन के माध्यम से ट्रांसफर करवाए गए थे। जब तक खाते फ्रीज किए गए, आरोपी 1.7 करोड़ रुपए इन खातों से निकाल चुके थे। एसएचओ सिंह ने बताया कि हमने शिकायतकर्ता को 5.2 करोड़ रुपए लौटा दिए हैं, जो कि हमने आरोपियों से जब्त किए थे।