PM Housing Eligibility : दो पहिया वाहन और 15 हजार की आमदनी वालों को भी पीएम आवास की पात्रता!

पीएम आवास योजना का नया सर्वे इसी सप्ताह शुरू होगा, कई योजनाओं का स्वरूप बदलेगा!

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PM Housing Eligibility : दो पहिया वाहन और 15 हजार की आमदनी वालों को भी पीएम आवास की पात्रता!

Bhopal : प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए अक्टूबर के पहले हफ्ते से नए सिरे से सर्वे शुरू होगा। इसके लिए भारत सरकार ने अपात्रता की चार शर्ते हटा दी हैं। जो शर्ते हटाई गई हैं, उसके बाद मोटर साइकिल, फोन और दस हजार की आमदनी रखने वाले लोगों को भी इस योजना में आवास मिल सकेंगे। यह जानकारी केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान दी। उन्होंने कहा कि

किसानों को भी इस योजना का लाभ देन के लिए शर्तों में केंद्र सरकार ने रियायत दी है।

केंद्रीय मंत्री शिवराज ने ये बातें सोमवार को मीडिया से चर्चा में कहीं। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि मुलाकात के दौरान भारत सरकार की योजनाओं का लाभ कैसे एमपी के लोगों को अधिकतम मिले, इस पर चर्चा हुई है। वर्ष 2018 में आवास प्लस का सर्वे हुआ था। अब अगले माह फिर सर्वे शुरू होगा जिसमें जो लोग पात्रता की श्रेणी से बाहर थे, उन्हें भी पीएम आवास मिलने का मार्ग निकाला गया। तीन लाख आवास पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत एमपी के लोगों के लिए मंजूर किए गए हैं। पीएम जनमन योजना में एमपी में 311 सडकें बनेंगी। इसे मंजूरी दी गई है। किसानों के हित में अन्य फैसलों पर भी चर्चा हुई है।

 

भारत सरकार ने ये शर्तें हटाई

केंद्रीय मंत्री शिवराज ने कहा कि पहले दो पहिया वाहन रखने वालों को पीएम आवास नहीं मिलते थे। अब जिनके पास दो पहिया हैं, वे पात्रता की श्रेणी में आएगे। पहले जिनकी आमदनी 10 हजार से ज्यादा हो तो पीएम आवास नहीं देते थे। अब लखपति दीदी बना रहे हैं। इसलिए तय किया है कि 15 हजार तक आमदनी हो तो भी पीएम आवास मिलेगा।

पहले अगर किसी के पास फोन (मोबाइल) है तो पीएम आवास की पात्रता नहीं थी, अब फोन है तो भी आवास योजना का लाभ मिल सकेगा। शिवराज ने कहा कि अब यह भी तय हुआ है कि अगर किसी किसान के पास ढाई एकड़ तक सिंचित और पांच एकड़ तक असिंचित जमीन हो तो ऐसे किसानों को भी पीएम आवास योजना का लाभ दिया जाएगा।

किसानों को खाद्य तेल, चावल में फायदा

शिवराज ने कहा कि भारत सरकार ने पाम आयल से इम्पोर्ट ड्यूटी जीरो की है। पहले आयातित खाद्य पर इम्पोर्ट ड्यूटी जीरो थी, इससे बाहर के देशों से सस्ता तेल आता था। सोयाबीन के दाम कम हो गए थे। हमने अब 27.5% इम्पोर्ट ड्यूटी तय की, जिससे भारत के बाहर से आने वाला तेल सस्ता न आए और इसके कारण आयल सीड सोयाबीन, सरसों, मूंगफली के दाम किसानों को ठीक मिले। अब इससे देश के किसानों को तेल की अच्छी कीमत मिल सकेगी। सरसों मूंगफली पर अच्छी कीमत मिले, इसलिए भी यह फैसला किया है।

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उन्होंने कहा कि बासमती चावल पर पहले मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइज लगती थी, उसे खत्म कर दिया है। इससे बासमती चावल के दाम की और अच्छी कीमत मिलेगी। इसके लिए भी रणनीति तय की गई है। सामान्य चावल पर एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध था उसे हटा दिया है ताकि यहां का चावल बाहर जाए और अच्छे दाम मिलें। सोयाबीन एमएसपी पर खरीदने का फैसला भारत सरकार ने किया है। मसूर, उड़द, तुअर जैसी दालें एमएसपी पर खरीदी जाएंगी।

अन्य राज्यों में भी लाडली बहना योजना

लाड़ली बहना योजना हर राज्य लागू कर रहे। यह योजना हर राज्य में किसी न किसी रूप में लागू की जा रही है। हमारे विरोधी भी इसे लागू कर रहे हैं। झारखंड में मैया सम्मान योजना वहां की सरकार लाई है। बीजेपी अंतरात्मा से यह काम कर रहे हैं। महाराष्ट्र, एमपी, छग में यह योजना चल रही है और समय पर पैसे दिए जा रहे हैं।