Fake IAS Officer : दुष्कर्म के आरोपी का IAS अधिकारी होने का दावा झूठा!

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Fake IAS Officer : दुष्कर्म के आरोपी का IAS अधिकारी होने का दावा झूठा!

खुद को जम्मू-कश्मीर कैडर का अधिकारी बताया, पर जांच में यह गलत निकला!

Jabalpur : दुष्कर्म के मामले में दर्ज एफआईआर को निरस्त कराने हाईकोर्ट पहुंचा आरोपी खुद फंस गया। उसका यह दावा फर्जी निकला कि वो आईएएस अधिकारी है। गुरुवार को हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल धगट की एकल पीठ के सामने सुनवाई में सरकार की ओर से पेश रिपोर्ट में बताया गया कि याचिकाकर्ता का चयन सिविल सेवा के लिए नहीं हुआ है। इसके बाद पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

इस दुष्कर्म मामले का आरोपी याचिकाकर्ता वीर सिंह राजपूत नरसिंहपुर का रहने वाला है। उसके खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि वह नरसिंहपुर में कोचिंग क्लास चलाता था। उसके यहां पढ़ने आने वाली एक छात्रा को झांसा दिया कि 2019 में उसका यूपीएससी में चयन हो गया और उसे जम्मू-कश्मीर कॉडर आवंटित किया गया है।

छात्रा से शादी का वादा करके उसने बलात्कार किया। वह दूसरी जगह शादी करने की तैयारी में था, तब छात्रा ने पूरे मामले की पड़ताल की तो पता चला कि उसका यूपीएससी में चयन नहीं हुआ और वह फर्जीवाड़ा कर रहा है। छात्रा की शिकायत पर उस बलात्कार का मामला दर्ज किया गया।

एफआईआर रद्द करने की मांग करते हुए वीर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उसने कुछ दस्तावेज पेश करते हुए दावा किया वह आईपीएस अधिकारी है और बलात्कार का मामला नहीं रद्द किया जाता, तो उसका करियर बर्बाद हो जाएगा। हाईकोर्ट ने उसके द्वारा पेश दस्तावेजों की जांच के आदेश सरकार को दिए थे।

नरसिंहपुर से लेकर भोपाल और यूपीएससी मुख्यालय तक 2019 के बैच के यूपीएससी चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज जांचे गए तो वीर सिंह के नाम और उसके दावे के अनुसार किसी तरह के दस्तावेज नहीं मिले। उसके फर्जी दावे संबंधी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश कर दी गई। कहा जा रहा है कि उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर तो निरस्त नहीं होगी, बल्कि उसके फर्जी दावे की जांच हो सकती है।