जादुई मायालोक से रूबरू हुए अपना घर की बालिकाएँ और दिव्यांग विद्यार्थी
सुरभि मंच ने किया जादूगर प्रिंस का सम्मान
मन्दसौर से डॉ. घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर। लंबे अरसे बाद नगर में जादूगर और चकित करने वाले करतबों का मायाजाल देखने को मिला जब मध्यप्रदेश के शाजापुर निवासी सबसे कम उम्र के युवा मैजिशियन वी डी बैरागी प्रिंस ने श्रीजी चित्र मंदिर सभागृह में अपना घर की निराश्रित बालिकाओं और दिव्यांग छात्रावास के विद्यार्थियों के लिये निःशुल्क मैजिक शो प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर विभिन्न संस्थाओं ने जादूगर प्रिंस का सम्मान किया। जादूगर प्रिंस ने मंच से सामाजिक संदेश भी देते हुए जल बचाओ, लड़कियों की सुरक्षा, पर्यावरण जागरूकता के बारे में अपील की।
एशिया के सबसे बड़े अद्भुत जादुई माया लोक से अपना घर की निराश्रित बालिकाओं तथा दिव्यांग छात्रावास के बच्चों को रूबरू होने का अवसर प्राप्त हुआ । यह सुरभि मंच के माध्यम से हुआ।
जादूगर प्रिंस द्वारा इन बच्चों को नि:शुल्क शो दिखाया गया। शो के दौरान सुरभि मंच के बेनर तले जादूगर प्रिंस वी डी बैरागी का सम्मान किया गया।
अनेक जादुई कीर्तिमानों के निर्माता कहे जाने वाले जादूगर प्रिंस वी डी बैरागी के मायालोक ने आश्चर्यचकित कर दिया।
सुरभि मंच संयोजक श्री जगदीश गंगवानी ने बताया कि जादूगर प्रिंस को भारत का सबसे कम उम्र वाला गतिमान जादूगर कहा जाता है।
चंद सेकंड में कपड़े बदलने का रिकॉर्ड बना चुके जादूगर प्रिंस के माया लोक की हर किसी ने सराहना की।
यह जानकारी देते हुए सांस्कृतिक संस्था सुरभि मंच अध्यक्ष जगदीश गंगवानी ने बताया कि विश्व के सबसे कम उम्र के युवा जादूगर प्रिंस की कलाओं ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया।
जादूगर प्रिंस वि डी बैरागी द्वारा शुक्रवार को शाम शो में अपना घर की निराश्रित बालिकाओं तथा दिव्यांग छात्रावास के बच्चों के लिए नि:शुल्क मैजिक शो प्रदर्शन किया।
जादूगर के हैरत अंगेज करतबों को देखकर सभी हैरत में पड़ गए। भव्य मंच पर आधुनिक चका चौंध से युक्त लाइट और संगीत की धुनों पर अपने मायावी संसार की रचना करते हैं। शो के दौरान वह अपनी जादुई कला से लड़की को नागिन बनाने, लड़की के शरीर के दो टुकड़े करने, नोटों की बारिश, चलते हुए पंखे से आर पार हो जाने जैसे अनेक करतबों से दर्शकों को हैरत में डाल दिया।
अपने संबोधन में सम्मान के प्रति आभार व्यक्त करते हुए जादूगर प्रिंस ने कहा कि बच्चों और अन्य किसी को भी बिना अभ्यास के कोई करतब नहीं करना चाहिए, जादू एक कला है यह विशेष अभ्यास से सीखा जा सकता है यह किसी को हानि पहुंचाने के लिये नहीं अपितु मनोरंजन का माध्यम है, इसमें विज्ञान का उपयोग कर सफ़ाई से प्रदर्शित किया जाता है।
इस अवसर पर जन परिषद के अध्यक्ष डॉ घनश्याम बटवाल, जिला प्रेस क्लब अध्यक्ष बृजेश जोशी, साहित्य परिषद के संरक्षक वेद प्रकाश मिश्रा, कवि गोपाल बैरागी, संगीत महाविद्यालय जनभागीदारी समिति अध्यक्ष नरेंद्र कुमार त्रिवेदी, गीता भवन सचिव अशोक त्रिपाठी, इंडिया न्यूज़ के ब्यूरो चीफ अजय बड़ोलिया, धर्मेंद्र सिंह रानेरा, सुरभि मंच के गायक कलाकार मनीष कनोदिया, आयुषी देशमुख और सुरभि मंच के अध्यक्ष जगदीश गंगवानी द्वारा जादूगर प्रिंस वी डी बैरागी का श्रीफल, दुपट्टा, बुके तथा हार भेंटकर सम्मानित किया गया।
सुरभि मंच की गायक कलाकार आयुषी देशमुख ने आ लग जा गले की फिर ये हंसी रात हो ना हो शायद इस जनम में मुलाकात हो ना हो गीत गाकर दर्शकों की खूब तालियां बटोरी।
कार्यक्रम का संचालन गोपाल बैरागी द्वारा किया गया।
इस मौके पर वरिष्ठ एडवोकेट श्री गोपाल कृष्ण शर्मा, गोवर्धन नाथ मंदिर ट्रस्ट प्रमुख श्री हेमंत शाह, श्री अनिल कुमार शर्मा, प्रबंधन के श्री धर्मेश चौहान, श्री पुष्पेन्द्र सिंह एवं अन्य उपस्थित थे।