अनुदान प्राप्त निजी कॉलेज नहीं दे रहे स्टूडेंट से ली फीस का हिसाब, सरकार ने 3 दिन में मांगी 5 साल की जानकारी
भोपाल: राज्य सरकार से स्टॉफ के वेतन और अन्य कार्यवाहियों के संचालन के लिए भारी भरकम अनुदान लेने के बाद भी निजी कॉलेज विद्यार्थियों से लिये जा रहे शिक्षण शुल्क का हिसाब-किताब नहीं दे रहे है। अब सरकार ने इन सभी कॉलेजों से तीन दिन में पांच साल में स्टूडेंट से ली फीस का हिसाब मांग लिया है।
अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में विद्यार्थियों से लिये जाने वाले शिक्षण शुल्क को संस्थागत खाते में जमा करना होता है और बीस प्रतिशत राशि शासन के राजकोष में जमा करने का प्रावधान है। इस प्रावधान के अंतर्गत अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों से जमा शिक्षण शुल्क के संबंध में कोई जानकारी कॉलेजों ने पिछले कई वर्षो से नहीं दी है।
उच्च शिक्षा विभाग की विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी डॉ पूर्णिमा लोदवाल ने अनुदान प्राप्त निजी कॉलेजों की इस कार्यप्रणाली को लेकर भारी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने सभी अग्रणी महाविद्यालयों के प्राचार्यो, शिक्षाअधिकारियों और सभी अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यो और अध्यक्षों को पत्र लिखकर शिक्षण शुल्क राजकोष में जमा कराए जाने और वर्ष 2019-2020 से 2023-24 तक शिक्षण शुल्क की जानकारी तीन कार्यदिवस में आवश्यक रुप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। यह सारी जानकारी एक्सेल शीट की साफ्ट प्रति के साथ उपलब्ध कराना है।