11 साल के लिए खुले बाजार से ढाई हजार करोड़ का कर्ज लेगी सरकार, पहले से ही है 3 लाख 75 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज
भोपाल: राज्य सरकार एक बार फिर खुले बाजार से ढाई हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। इस कर्ज की अदायगी 11 साल में राज्य सरकार करेगी। कर्ज नौ अक्टूबर को लिया जाएगा।
मध्यप्रदेश सरकार रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया के मुंबई आफिस के जरिए रिजर्व बैंक के कोर बैंकिंग साल्युशन ई कुबेर सिस्टम के जरिए यह कर्ज लेगी। कर्ज लेने के लिए राज्य सरकार ने देशभर की वित्तीय संस्थाओं, निजी फायनेंस कंपनियों से प्रस्ताव बुलाए है। ये प्रस्ताव वित्तीय संस्थाएं से आठ अक्टूबर को रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया के ई कुबेर सिस्टम के जरिए सुबह साढ़े दस से साढ़े ग्यारह बजे के बीच आमंत्रित किए गए है। इनमें जो वित्तीय संस्थाएं राज्य सरकार को सबसे कम ब्याज दर पर राज्य की शर्तो को पूरा करते हुए कर्ज देने को तैयार होंगी। उनके प्रस्ताव खोलकर देखने के बाद स्वीकार किए जाएंगे। कर्ज राज्य सरकार नौ अक्टूबर 2024 को लेगी और इसकी अदायगी राज्य सरकार नौ अक्टूबर 2035 को करेगी।
संचालक बजट तन्वी सुंदरियाल ने इसके लिए बिड जारी कर दी है।
*तीन लाख 75 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी सरकार-*
राज्य सरकार पर पहले से ही तीन लाख 75 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज है। इसमें बाजार से कर्ज 2 करोड़ 34 हजार 812 करोड़ रुपए का कर्ज है। पावर बांड और अन्य कंपनसेशन के रुप में 5 हजार 888 करोड़ रुपए, वित्तीय संस्थाओं से लोन के रुप में 15 हजार 248 करोड़ रुपए का कर्ज सरकार ने ले रखा हे। केन्द्र सरकार से लोन और एडवांस के रुप में 62 हजार 12 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया है। अन्य देयताएं 19 हजार 195 करोड़ की है। स्पेशल सिक्योरिटी और राष्ट्रीय बचत योजना से मध्यप्रदेश सरकार करे 38 हजार 421 करोड़ रुपए मिले हुए है। इस तरह प्रदेश सरकार की देनदारी 3 लाख 75 हजार 578 करोड़ रुपए की है।