Diwali Date Fixed : दीपावली इस दिन मनेगी, शास्त्रसम्मत तिथि तय, काशी के विद्वानों ने असमंजस को दूर किया!

265
Diwali Date Fixed

Diwali Date Fixed : दीपावली इस दिन मनेगी, शास्त्रसम्मत तिथि तय, काशी के विद्वानों ने असमंजस को दूर किया!

दीपावली मनाए जाने के लिए मुख्यकाल प्रदोष में अमावस्या का होना जरूरी!

Varanasi : मंगलवार को बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में काशी के विद्वानों ने दिवाली मनाने की तिथि को लेकर भ्रम और असमंजस को खत्म कर दिया। उन्होंने घोषणा की कि पूरे देश में दीपावली का पर्व 31 अक्तूबर को ही मनाया जाएगा। भ्रम की स्थिति धर्मशास्त्र के ग्रंथों का पूर्वापर संबंध स्थापित कर अध्ययन न करने से बनी है।

Also Read: Diwali Gift to Employees: मोदी केबिनेट ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए DA में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की, DA बढ़कर हो गया 53 % 

तिथि निर्णय तय करने को लेकर उन्होंने धर्मशास्त्रों के अनुसार तर्क 31 अक्टूबर को दीपावली मनाए जाने को लेकर तर्क दिए। दीपावली मनाए जाने की तारीख पर मतभेद होने कर काशी के पंचांग और ज्योतिष के विद्वान एक मंच पर आए।
बीएचयू से प्रकाशित विश्व पंचांग के समन्वयक प्रो विनय कुमार पांडेय ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार दीपावली मनाए जाने के लिए मुख्यकाल प्रदोष में अमावस्या का होना जरूरी है। इस वर्ष प्रदोष (2 घंटे 24 मिनट) और निशीथ (अर्धरात्रि) में अमावस्या 31 अक्टूबर को पड़ रही है। इसलिए 31 को ही दीपावली मनाना शास्त्रसम्मत है। देश के किसी भी भाग में 1 नवंबर को पूर्ण प्रदोष काल में अमावस्या की प्राप्ति नहीं है। अतः 1 नवम्बर को किसी भी मत से दीपावली मनाना शास्त्रोचित नहीं है।

WhatsApp Image 2024 10 16 at 17.35.17 1

यह भी बताया गया कि 2024 में पारम्परिक गणित द्वारा निर्मित पंचांगों में कोई भेद नहीं है। क्योंकि, उन सभी के अनुसार अमावस्या का आरंभ 31 अक्तूबर को सूर्यास्त के पहले होकर 1 नवंबर को सूर्यास्त के पूर्व ही समाप्त भी हो रहा है। इससे देश के सभी भागों में पारंपरिक सिद्धांतों से निर्मित पंचांगों के अनुसार 31 अक्तूबर को ही दीपावली मनाया जाना सिद्ध है।

Also Read: Solar Rooftop: MP में सभी सरकारी भवनों की छतों पर बनेगी बिजली, निजी कंपनियां उठाएंगी खर्च, उत्पादित बिजली सरकारी दफ्तर करेंगे उपयोग 

WhatsApp Image 2024 10 16 at 17.35.17

31 अक्टूबर को दीपावली मनाने के तर्क

दृश्य गणित से साधित पंचांगों के अनुसार देश के कुछ भागों में तो अमावस्या 31 अक्तूबर को सूर्यास्त के पहले आरंभ होकर 1 नवंबर को सूर्यास्त के बाद एक घटी से पहले ही समाप्त हो जा रही है। इससे उन क्षेत्रों में भी दीपावली को लेकर कोई भेद शास्त्रीय विधि से नहीं है। वहां भी दिवाली 31 अक्तूबर को निर्विवाद रूप में सिद्ध हो रही है।

Also Read: Bigg Boss-18 : ‘बिग बॉस’ शो के कंटेस्टेंट में झगड़ा, 10 घर वालों ने एक को घर से बेघर किया गया! 

WhatsApp Image 2024 10 16 at 17.35.18

इन विद्वानों की उपस्थिति रही

इस संबंध में ज्योतिष विभाग में श्रीकाशी विश्वनाथ न्यास परिषद्, काशी विद्वत परिषद् के साथ काशी के सभी सम्मानित पंचांगकार, धर्मशास्त्र एवं ज्योतिष के वरिष्ठ विद्वानों की बैठक बुलाई गई। बैठक में प्रो रामचंद्र पांडेय, प्रो नागेन्द्र पांडेय अध्यक्ष श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास, प्रो चन्द्रमौली उपाध्याय, प्रो. रामनारायण द्विवेदी, प्रो. गिरिजा शंकर शास्त्री, प्रो. शत्रुघ्न त्रिपाठी, प्रो. शंकर कुमार मिश्र, डॉ. सुभाष पांडेय, डॉ. रामेश्वर शर्मा, डॉ सुशील गुप्ता, विश्व पंचांगकार डॉ अजय कुमार पांडेय, डॉ अनिल कुमार मिश्र, डॉ सुनील कुमार चतुर्वेदी, डॉ मोहन कुमार शुक्ल, महावीर पंचांगकार डॉ रामेश्वर ओझा, ऋषिकेश पंचांगकार विशाल उपाध्याय और शिवमूर्ति उपाध्याय, रुपेश ठाकुर प्रसाद और शिवगोविंद पंचांगकार अमित कुमार मिश्र आदि शास्त्र विद्वान उपस्थित रहे।

Also Read: CAT Orders to IAS Officers: कैट ने 7 IAS अधिकारियों को राहत देने से किया इंकार!