EOW in Action: पुल निर्माण कंसलटेंट को अफसरों ने किया उपकृत, लगा 13 करोड़ का चूना, EOW को दी कार्रवाई की अनुमति

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EOW in Action: पुल निर्माण कंसलटेंट को अफसरों ने किया उपकृत, लगा 13 करोड़ का चूना, EOW को दी कार्रवाई की अनुमति

भोपाल:लोक निर्माण विभाग ने भोपाल के बिल्डर और कंसलटेंट मेसर्स एलएन मालवीय इन्फ्रा प्रोजेक्ट के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को अनुमति दे दी है। विभाग के पांच अधिकारियों पर ईओडब्ल्यू ने जालसाजी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था। इन सभी ने कंसलटेंट को उपकृत करते हुए भुगतान किया जिससे सरकार को तेरह करोड़ 86 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है।

EOW ने इस मामले में लोक निर्माण विभाग से कार्यवाही की अनुमति मांगी थी। अब लोक निर्माण विभाग के उपसचिव एआर सिंह ने कहा है कि मेसर्स एलएन मालवीय इन्फ्रा प्रोजेक्ट के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ स्वतंत्र है। सरकार ने प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग निर्माण भवन को निर्देशित किया है कि आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ जबलपुर को मूल दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक राज्य और जिला मुख्य मार्गो पर पुल निर्माण के लिए सुपरविजन कंसलटेंसी जबलपुर को ठेका स्वीकृत हुआ था। इस निर्माण एजेंसी के लिए कंसलटेंट एलएन मालवीय इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को विभाग ने अधिकृत किया था। कुल 106 पुलों के निर्माण के ठेकों के लिए 12 करोड़ 25 लाख रुपए की राशि की मंजूरी दी गई थी।

बताया गया है और आरोप है कि इस मामले में लोक निर्माण विभाग के एनडीबी विभाग के डायरेक्टर और फाइनेंशियल एडवाइजर सहित तीन अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से एलएन मालवीय को 26 करोड़ 11 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया। इससे सरकार को 13 करोड़ 86 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। इस मामले में EOW ने धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी भारतीय दंड विधान एवं धारा सात सी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।
जिन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था उनकी जानकारी ईएनसी ने नौ सितंबर को पत्र भेजकर दी थी। इस मामले में ठेका लेने के लिए मेसर्स एलएन मालवीय इंफ्रा कंपनी ने इंडियन रोड कांग्रेस की जो रसीदें लगाई थी वह फर्जी थी। कंपनी ने 21 फर्जी रसीदें लगाई जिन्हें लोक निर्माण विभाग के अफसरों ने सत्यापित कर दिया। अफसरों ने जानबूझकर कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अधिक अंक देते हुए टेंडर मंजूर कर दिया था। पता चला है कि इस मामले में कंपनी के डायरेक्टर एलएन मालवीय, एसई एमपी सिंह, तत्कालीन ईएनसी और लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन वित्तीय सलाहकार आरएन मिश्रा को आरोपी बनाया गया है।

लोक निर्माण विभाग ने ईएनसी को पत्र लिखकर मूल दस्तावेज ईओडब्ल्यू को उपलब्ध कराने और एफआईआर में शामिल अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने के लिए ईओडब्ल्यू को अलग से प्रस्ताव भेजने तथा मेसर्स एलएन मालवीय इन्फ्रा प्रोजेक्ट के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए ईओडब्ल्यू को छूट दे दी है। दोषी अधिकारियों को आरोप पत्र देते हुए एक सप्ताह के पहले उनकी डीई शुरु करने के निर्देश भी दिए गए है।