Letter to PM for Fertilizer : किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा!
किसान रात से ही गोदामों के बाहर लंबी लाइनें लगाना शुरू कर देते, फिर भी किसानों को खाद नहीं मिलता!
देखिए, X पर प्रधानमंत्री को लिखे पत्र की प्रति!
Bhopal : प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उमंग सिंगार ने मध्य प्रदेश के किसानों को पर्याप्त खाद उपलब्ध कराने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने अनुरोध किया कि रबी की फसलों के लिए प्रदेश के किसानों को उनकी मांग के अनुरूप खाद मुहैया कराने के उपाय किए जाएं।
पत्र में लिखा गया कि अक्टूबर-नवंबर में रबी फसलों की बोनी होती है। इसी समय डीएपी की जरूरत ज्यादा होती है। लेकिन, किसानों को उनकी जरूरत के मुताबिक, खाद की आपूर्ति नहीं हो पा रही। किसानों को खाद के लिए घंटों लंबी-लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है, फिर भी उन्हें जरूरत के मुताबिक खाद नहीं मिल रही।
माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी को देश के किसानों को खाद एवं डीएपी की कमी से उत्पन संकट को लेकर पत्र@PMOIndia pic.twitter.com/RJTnZWWY2Y
— Umang Singhar (@UmangSinghar) October 19, 2024
यह भी लिखा कि किसानों ने बताया कि डीएपी के साथ किसानों को अन्य खाद भी दी जा रही है, जिसकी उन्हें जरूरत नहीं है। इस वजह से किसानों को खाद के लिए खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसान रात से ही गोदामों के बाहर लंबी लाइनें लगाना शुरू कर देते हैं। 8 से 10 घंटे तक लाइन में खड़े रहने के बावजूद ज्यादातर किसानों को टोकन नहीं मिल पाता। जब टोकन नहीं मिलता तो खाद नहीं मिल पाती, जिससे किसानों को अलग समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
स्थिति इतनी गंभीर है कि कई किसान अपने परिवार के सदस्यों को भी लाइन में बारी-बारी से लगाते हैं, ताकि टोकन मिलने की उनकी बारी छूट न जाए। मध्य प्रदेश सरकार स्थिति से निपटने में अक्षम साबित हो रही है। खाद लेने जाने वाले किसानों से दुर्व्यवहार किया जा रहा है, पर उनकी सुनने वाला कोई नहीं।
प्रधानमंत्री को लिखा है कि डीएपी के साथ किसानों को अन्य खाद भी दी जा रही है, जिसकी उन्हें जरूरत नहीं है। इस वजह से भी किसानों को खाद के लिए खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह निवेदन भी किया गया कि किसानों के हित में मध्य प्रदेश सरकार को पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद उपलब्ध करवाई जाए और वितरण व्यवस्था में सुधार हो। प्रदेश में किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार को निर्देशित किया जाए।
Also Read: Second ISBT to Start Soon : पत्थर मुंडला के बाद अब कुमेडी का ISBT अगले साल शुरू होगा!